नई दिल्ली: Coronavirus Deaths का ऑडिट करना चाहिए ताकि पारदर्शिता आए, AIIMS के Dr Randeep Guleria ने कहा है कि अस्पतालों और राज्यों को कोरोना से हुई मौतों की जांच करना होगा.
उन्होंने कहा कि कोरोना से हुई मौतों का गलत तरह से क्लासीफिकेशन करना,
कोरोना के खिलाफ हमारी लड़ाई में बाधा पहुंचा सकता है.
इन हालातों में जान गंवाने वालों की सही तस्वीर अंदाजा हो,
इसके लिए राज्यों को कोरोना से हुई मौतों की जांच कराना चाहिए. इससे सही आंकड़े पता चल सकेंगे.
डॉक्टर रणदीप गुलेरिया की टिप्पणी उन रिपोर्ट्स और राज्य सरकारों द्वारा मौतों की संख्या को कम करने के आरोपों के बीच आई है.
Madhya Pradesh Covid 19 का उदाहरण लें तो अप्रैल माह में वहां पर सरकार द्वारा जारी किए गए,
कोविड से मौत के आंकड़ों और घाटों पर होने वाले कोविड शवों के अंतिम संस्कार के आंकड़ों के बीच,
काफी अंतर देखने को मिला था.
डॉक्टर गुलेरिया ने कहा मान लीजिए कि एक व्यक्ति की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो जाती है
और अगर उसे कोरोना होता है, तो हार्ट अटैक का कारण कोविड हो सकता है.
इसलिए, आपने इसे नॉन-कोविड मृत्यु के रूप में गलत वर्गीकृत किया होगा.
इसे सीधे कोविड से जोड़ने के बजाय आप इसे हृदय की समस्या के रूप में देख रहे हैं.’
Coronavirus Deaths के कारण की आवश्यकता है,उन्होंने कहा कि सभी अस्पतालों और राज्य सरकारों के आंकड़ों की जांच हो.
हमें यह जानना होगा कि मृत्यु दर के कारण क्या हैं
और हमारी मृत्यु दर को कम करने के लिए क्या किया जा सकता है.
जब तक हमारे पास स्पष्ट आंकड़े नहीं होंगे,
हम अपनी मृत्यु दर को कम करने की रणनीति विकसित नहीं कर पाएंगे.
डॉक्टर गुलेरिया ने यह बात तीसरी लहर की तैयारी की ओर इशारा करते हुए कही.
उन्होंने दो कारण बताए, वायरस का उत्परिवर्तन और मानव व्यवहार.
दुनियाभर में और भारत में महामारी की कई लहरें क्यों हैं.
हमारी चिंता यह है कि आप संक्रमित हो सकते हैं लेकिन आपको गंभीर बीमारी नहीं होनी चाहिए.
टीका आपको कई गंभीर बीमारियों से बचाता है.