WPI में थोक महंगाई आधारित सूचकांक मई में 12.94 फीसदी पर, कोरोना की मार से लोगों परेशान है,कोरोना के बाद अब महंगाई ने लोगों की कमर तोड़कर रख दी है.
नई दिल्ली: WPI मई में अपने रिकॉर्ड स्तर पर जा पहुंचा है. मई के महीने में थोक महंगाई आधारित सूचकांक ( WPI) 12.94 फीसदी पर पहुंच गई है.
कोरोना और मंहगाई दोनों ने रिकॉर्ड कायम किया है.अप्रैल के महीने में 10.49 फीसदी पर थी.
मई में रिटेल महंगाई दर 6.30% के स्तरों पर रही है.
वहीं अप्रैल में रिटेल महंगाई 4.23% के स्तरों पर थी.
WPI में सबसे ज्यादा योगदान तेल की बढ़ती कीमतों और खाद्य महंगाई का रहा है.
खाद्य महंगाई 1.96% से उछाल मारकर 5.01% के स्तरों पर पहुंच गई है.
सरकार की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार पिछले साल इसी अवधि यानी मई 2020 में थोक महंगाई -3.37% थी.
यह लगातार पांचवां महीना है जब थोक महंगाई दर में तेजी
आई है.
खाने के तेल और क्रूड ऑयल, पेट्रोल-डीजल और नेफ्था में तेजी के कारण थोक महंगाई दर में तेजी आई है.
थोक महंगाई दर में फ्यूल और पावर बास्केट में 37.61 फीसदी की तेजी आई है.
अप्रैल में इस बास्केट में 20.94 फीसदी की तेजी दर्ज की गई थी.
मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स में मई में 10.83 फीसदी की तेजी आई है
जबकि अप्रैल में इसमें 9.01 फीसदी की तेजी दर्ज की गई थी.
फूड सेक्शन में महंगाई में कमी आई है यह 4.31 फीसदी रही.
प्याज की महंगाई दर 23.24 फीसदी रही है जबकि यह अप्रैल में 19.72 फीसदी रही थी.
आरबीआई ने इस महीने की शुरुआत में अपनी मौद्रिक नीति में ब्याज दरों को रिकॉर्ड निचले स्तर पर बरकरार रखा
और कहा कि वो वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए एक उदार नीति को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है.