नई दिल्ली : Zydus Cadila अहमदाबाद स्थित जायडस कैडिला ग्रुप जल्द ही .
भारत के ड्रग कंट्रोलर जनरल से अपनी वैक्सीन के लिए इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति की मांग कर सकती है.
कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार फिलहाल थमी हुई है,
लेकिन एक्सपर्ट्स की मानें तो हमें अभी इस वायरस की तीसरी लहर का सामना करना पड़ सकता है.
माना जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों को चपेट में ले सकती है.
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वहीं दूसरी तरफ 12 से 18 साल के बच्चों पर कोविड वैक्सीन का टेस्ट कर रही,
एक सरकारी अधिकारी के मुताबिक, अगर केडिला को इस टेस्ट की मंजूरी मिल जाती है,
तो यह दुनिया का पहला DNA-plasmid कोविड वैक्सीन होगा.
वहीं सरकार और कंपनी के सूत्रों ने पुष्टि की कि अहमदाबाद स्थित फर्म लगभग एक सप्ताह में ड्रग रेगुलेटर,
से एमरजेंसी उपयोग की अनुमति की मांग कर सकती है.
एक अधिकारी ने अखबार के हवाले से कहा कि कैडिला की बच्चों पर परीक्षण वाली,
COVID-19 vaccine टेस्टिंग के तीसरे चरण पर पहुंच गई है.
Zydus Cadila कंपनी जल्द ही अपने टीके के लिए EUA की तलाश कर सकती है.
कंपनी की तैयारी अपनी वैक्सीन के लिए जून या जुलाई के अंत तक इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी पाने की है.
कंपनी के डायरेक्टर पटेल ने कहा, ” वैक्सीन बनाने की शुरुआत हमेशा बड़े उम्र के लोंगो से की जाती है.
इसके बाद युवा और फिर बच्चों के लिए वैक्सीन तैयार की जाती है.
उन्होंने कहा कि हमारी वैक्सीन बच्चों के लिए ज्यादा फायदेमंद होगी.
अबतक किए गए टेस्ट में कोई साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिला है.
इस वैक्सीन का दूसरा फायदा ये है कि इसमें इंजेक्शन की जरूरत नहीं पड़ती है.”
ZyCov-D, अहमदाबाद स्थित Zydus-Cadila द्वारा विकसित एक वैक्सीन है.
इस वैक्सीन में खास ये है कि यह मानव कोशिकाओं को SARS-CoV-2 एंटीजन बनाने के लिए
एक इम्यून रिस्पॉन्स प्राप्त करने के निर्देश देने के लिए प्लास्मिड डीएनए का उपयोग करता है.
इसलिए, इसे वैक्सीन को 2-8 डिग्री सेल्सियस के बीच स्टोर कर रखा जा सकता है,
जबकि फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन को -70 डिग्री सेल्सियस या कम से कम -15 से -25 डिग्री सेल्सियस तक कोल्ड-चेन रखरखाव की आवश्यकता होती है.