Broken Heart Syndrom क्या है ब्रोकेन हार्ट सिंड्रोम, जिसमें लाइफ पार्टनर की मौत के बाद ‘टूट’ जाता है व्यक्ति, मिल्खा सिंह के अलावा कई ऐसे मामले.
Broken Heart Syndrom: फ्लाइंग सिख के नाम से मशहूर फर्राटा धावक मिल्खा सिंह के रूप में देश ने एक महान एथलीट खो दिया.
दौड़ में दुनियाभर के एथलीटों को पछाड़ चुके मिल्खा सिंह कोरोना से जंग हार गए.
महज पांच दिन पहले उनकी पत्नी निर्मल कौर का भी कोरोना के चलते निधन हो गया था.
मिल्खा सिंह की तीन बेटियों और बेटे ने अपने माता-पिता के सच्चे प्रेम और साहचर्य की सराहना की.
यह उनका सच्चा प्रेम और साहचर्य ही था कि दोनों ही लोग,
हमारी मां निर्मल जी और अब पिता पांच दिनों के अंतराल पर गुजर गए.
रिपोर्ट्स बताती हैं कि इस कोरोना महामारी के कारण देश में ऐसे कई मामले सामने आए हैं,
जिनमें किसी की मौत के कुछ ही दिन के अंदर उसके जीवनसाथी की भी मौत हो गई.
मिल्खा सिंह की तरह ऐसे कई दंपती की मौत हुई हैं.
ऐसे लोग, जो दशकों से एक दूसरे के साथी थे, या साथ में अपने जीवन का सफर शुरू किया था
और कुछ दिनों या हफ्तों के के अंतराल पर दुनिया को अलविदा कह गए.
ऐसे मामलों को ही मनोचिकित्सकों (Psychiatrist) ने ‘ब्रोकेन हार्ट सिंड्रोम’ (Broken Heart Syndrome) नाम दिया है.
कुछ लक्षण जैसे छाती में दर्द, सांस फूलना, चक्कर आना, पसीने अधिक आना,
ब्लड प्रेशर लो होना, जी घबराना, धड़कन का अनियमित होने दिखने पर डॉक्टरी सलाह लें.
मुंबई के मनोचिकित्सक हरीश शेट्टी के मुताबिक जीवनसाथी के निधन की खबर नहीं मिलने पर बीमारी से उबरने में मदद मिलती है.
उन्होंने कहा, “जब दंपती में एक शारीरिक रूप से बहुत ही कमजोर हो जाता है
तब उसे इस तरह की सूचना देने पर उसका मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ जाता है और स्थिति बहुत ही खराब हो जाती है.”
अधिक डिप्रेशन की स्थिति में देखी जाती है कुछ विशेष मामलों में देखी जाती हैं
जैसे किसी प्रियजन की असामयिक मृत्यु होना, कोई गंभीर बीमारी, किसी ऑपरेशन के डर से,
कार एक्सीडेंट होने पर या कोई अप्रत्याशित बुरी खबर से या किसी फाइनेंशियल संकट के कारण.
Broken Heart Syndrome ऐसी स्थिति में स्ट्रेस अधिक रहने के कारण हार्ट में लेफ्ट वेंटिकल के एक भाग की मांसपेशियां अस्थायी रूप से शिथिल हो जाती हैं, उनमें संकुचनशीलता कम हो जाती है.
ब्लड वेसेल्स में अस्थायी सिकुडन से हार्ट को ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है.
.व्यक्ति को छाती में दर्द होता है, यह स्थिति हार्ट अटैक के समान होती है
डॉ शेट्टी ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, “मैं उन टीमों में शामिल रहा हूं,
जिसने जीवनसाथी को रोग से उबरने के बाद (दुखद) सूचना दी। परिवार, चिकित्सक और सलाहकार की मौजूदगी जरूरी है.”
गुड़गांव की मनोचिकित्सक ज्योति कपूर ने कहा कि जीवनसाथी के निधन की खबर अक्सर ही,
उसके साथी को ‘ब्रोकेन हार्ट सिंड्रोम’ से ग्रसित कर देती है. यह हृदय की एक ऐसी अस्थाई स्थिति है,
जो काफी तनाव (Tension) और अत्यधिक भावुक (Emotional) होने से पैदा होती है.
उन्होंने कहा कि यह स्वाभाविक है कि दशकों तक साथ रहे दंपती के बीच भावनात्मक निर्भरता (Emotional Dependency) हो जाती है,
जिसमें किसी एक का निधन हो जाने पर दूसरा काफी तनाव में आ जाता है.
डॉ ज्योति कपूर ने कहा, “हमारे व्यक्तिगत अनुभव और अध्ययन से यह पता चलता है कि पत्नी की मृत्यु के बाद पति की मृत्यु का खतरा 18 फीसदी होता है,
जबकि इसकी उलट स्थिति में यह खतरा करीब 16 प्रतिशत होता है.”
91 वर्ष की आयु में कोविड से लंबी लड़ाई लड़ने के बाद मिल्खा सिंह का निधन हो गया.
उनसे पहले उनकी पत्नी का 13 जून को निधन हुआ था.
65 साल पहले वे एक दूसरे से पहली बार मिले थे और 58 साल पहले दोनों की शादी हुई थी..\
मिल्खा सिंह के परिवार में उनकी तीन बेटियों ने और बेटे जीव मिल्खा सिंह ने अपने माता-पिता के सच्चे प्रेम और साहचर्य की सराहना की.
उनका कहना था कि माता-पिता ने बहुत हौसला दिखाया,
लेकिन ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था और शायद यह उनका सच्चा प्रेम और साहचर्य ही था कि दोनों ही लोग,
हमारी मां निर्मल जी और अब पिता पांच दिनों के अंतराल पर गुजर गए.
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ पहाड़िया (89) और उनकी पत्नी शांति पहाड़िया (पूर्व विधायक व राज्यसभा सदस्य) का निधन भी कुछ ही दिनों के अंतराल पर हुआ.
पूर्व मुख्यमंत्री का निधन गुड़गांव के अस्पताल में 20 मई को हुआ था,
जबकि उनसे दो साल छोटी उनकी पत्नी का निधन उसी अस्पताल में तीन दिन बाद हुआ.
वरिष्ठ पत्रकार कल्याण बरूआ और नीलाक्षी भट्टाचार्य का भी कोविड से मई में गुड़गांव के अस्पताल में निधन हो गया.
उनका भी निधन एक दूसरे से तीन दिन के अंतराल पर हुआ था.
Broken Heart Syndrom लंबे समय तक साथ रहने के बाद राजस्थान के बीकानेर निवासी दंपती ओम प्रकाश और मंजू देवी भी एक दूसरे से अलग नहीं रह सकें.
पिछले साल नवंबर में 15 दिनों के अंतराल पर उनका निधन हो गया था.
ऐसे मामलों में, जिनमें किसी दंपती में एक का इलाज के दौरान निधन हो जाता है
जबकि दूसरा अब भी रोग से उबर रहा होता है,
उस बारे में विशेषज्ञों की यह सलाह है कि निधन की खबर जीवनसाथी की स्थिति खतरे से बाहर होने के बाद ही साझा की जाए.
हालांकि, कोविड-19 से कितनी संख्या में दंपती की मौत हुई है, इस बारे में कोई आंकड़ा नहीं है.
ईसीजी सबसे पहली जांच है जिससे इस बीमारी के बारे में प्राथमिक जानकारी मिलती है। ब्लड टेस्ट जैसे की कार्डियक मार्कर्स बीबी महत्वपूर्ण जांच है.
इकोकार्डियोग्राफी में हार्ट के एक भाग के असामान्य रूप से फूल जाने एवं कम सिकुड़ने को अच्छे से देखा जा सकता है,
छाती के एक्स-रे में भी हार्ट का आकार बड़ा हो जाता है.
ये हार्ट अटैक है या नहीं इसके लिए कोरोनरी एंजियोग्राफी की जाती है.
सामान्यतः हार्ट अटैक में ब्लड वेसल्स में ब्लॉकेज पाया जाता है
पर ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम में वेसल्स में किसी तरह का कोई ब्लॉकेज नहीं पाया जाता.
उपचार के लिए समय पर इसके लक्षणों को पहचान कर कुछ तरह की कार्डियक दवाओं के जरिये इसे ट्रीट किया जाता है.
इस बीमारी के 75 फीसदी मामले किसी तनावपूर्ण घटना के बाद होते हैं.
ऐसा नहीं है कि ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम की समस्या किसी गंभीर दुख के बाद होती है.
ऐसा अचानक खुशी या हर्ष के अचानक प्राप्त होने पर भी हो सकता है.
उस अवस्था में भी हमारे शरीर में उत्तेजित करने वाले स्ट्रेस हार्मोन का अचानक से स्तर बढ़ जाने से,
हृदय का एक हिस्सा एकदम से काम करना कम कर देता है, जिसे हैप्पी हार्ट सिंड्रोम भी कहते हैं.
पर अक्सर यह इतना कॉमन नहीं दिखाई देता है. इस समस्या को सबसे पहले जापान में डायग्नोसिस किया गया था.
लेकिन राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के मुताबिक महामारी के दौरान 3,261 बच्चे अनाथ हो गए.
इस आंकड़े से समझा जा सकता है कि कोरोना के कारण कितनी बड़ी संख्या में दंपतियों की मौत हुई है.