नई दिल्ली : Delta Variant : नोवेल कोरोनावायरस का डेल्टा (B.1.617.2) वेरिएंट बच्चे से लेकर 80 साल के सभी आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित करता है.
इससे महिलाएं और पुरुष समान रूप से प्रभावित होते हैं, हालांकि पुरुष मरीजों की संख्या थोड़ी अधिक है.
डेल्टा वेरिएंट के मामले 20-30 आयु वर्ग में अधिक संख्या में पाए जाते हैं.
बच्चे, किशोर और 30-39 आयु वर्ग के लोग भी इससे प्रभावित होते हैं.
भारत समेत दुनिया भर में डेल्टा वेरिएंट और इसके म्यूटेशन की निगरानी कर रहे पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड के अनुसार,
डेल्टा वेरिएंट का वायरस सभी उम्र और लिंग ग्रुप के लोगों को प्रभावित करता दिखता है.
हालांकि हैदराबाद और तेलुगू राज्यों में कोविड-19 मामलों का जीनोम विश्लेषण बहुत सीमित है.
ये माना जाता है कि डेल्टा वेरिएंट पहले महाराष्ट्र में पाया गया था और
शुरू में इसे डबल म्यूटेंट के रूप में करार दिया गया.
डेल्टा वेरिएंट से ही देश भर में दूसरी लहर में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं.
भारत समेत दुनिया भर में डेल्टा वेरिएंट और इसके म्यूटेशन की निगरानी कर रहे पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड के अनुसार,
डेल्टा वेरिएंट का वायरस सभी उम्र और लिंग ग्रुप के लोगों को प्रभावित करता दिखता है.
Delta Variant : हालांकि हैदराबाद और तेलुगू राज्यों में कोविड-19 मामलों का जीनोम विश्लेषण बहुत सीमित है.
ये माना जाता है कि डेल्टा वेरिएंट पहले महाराष्ट्र में पाया गया था और शुरू में इसे डबल म्यूटेंट के रूप में करार दिया गया.
डेल्टा वेरिएंट से ही देश भर में दूसरी लहर में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं.
तेलंगाना सरकार की तरफ से प्रतिदिन जारी किए गए कोविड पॉजिटिव मामलों का ब्रेकअप भी
दूसरी लहर के दौरान सभी आयु वर्ग के लोगों को महामारी से प्रभावित होने का संकेत देता है.
डेल्टा वेरिएंट को हाल ही में डेल्टा प्लस या AY.1 के रूप में उभरने के लिए एक म्यूटेशन (K417N) मिला है,
उसे अब AY.2 के रूप में उभरने के लिए स्पाइक प्रोटीन में एक और म्यूटेशन मिला है.
हालांकि AY.1 वेरिएंट भारत समेत कम से कम 10 देशों में पाया गया है
जिसमें अब तक आठ मामले हैं.
वहीं AY.2 अभी अमेरिका तक सीमित है और ये अब तक अन्य जगहों पर नहीं मिला है.
पीएचई ने 18 जून को अपडेट की गई अपनी नई रिपोर्ट में कहा कि K417N के साथ डेल्टा के कम से कम दो अलग-अलग क्लैड हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि 16 जून तक दुनिया भर से सामने आए 161 जीनोम में से डेल्टा प्लस के आठ मामले भारत से सामने आए थे.