नई दिल्ली: PM Modi cabinet expansion की चर्चाएं तेज हो गई हैं.
मंत्रिमंडल में दो बातों का विशेष ख्याल रखा जा रहा है.
पहला 2022 में उत्तर प्रदेश समेत 6 राज्यों में होने वाला विधानसभा चुनाव.
दूसरा एनडीए के कुनबे को बढ़ाने पर जोर.
माना जा रहा है उत्तर प्रदेश से 3, उत्तराखंड से 1, गुजरात से 1, गोवा से 1, हिमाचल प्रदेश से 1
और पंजाब से 1 नए चेहरे को केंद्रीय मंत्रिमंडल में मौका मिल सकता है.
माना जा रहा है जिन राज्यों में अगले साल यानी 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं,
उन राज्यों में सोशल इंजीनियरिंग को ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल में तरजीह दी जाएगी.
इसके अलावा क्षेत्रीय दलों के नेताओं को मंत्रिपरिषद में शामिल कर एनडीए के कुनबा भी बढ़ाने की तैयारी है.
सूत्रों की मानें तो इसी माह के अंत तक मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है.
हालांकि, कैबिनेट विस्तार या फेरबदल पर कोई सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है,
लेकिन इस मुद्दे पर अटकलें कई दिनों से चल रही हैं.
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है किहाल के दिनों में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सरकार और संगठन के बीच कई दिनों तक लंबी बैठकें हुई.
गौरतलब है कि पीएम मोदी ने अपने-अपने मंत्रालयों द्वारा अब तक किए गए कार्यों का जायजा लेने के लिए.
विभिन्न समूहों में केंद्रीय मंत्रियों के साथ इस महीने लगभग पांच बैठकें की हैं.
जिसमें मौजूदा मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा की गई. जबकि नए चेहरों के चयन पर भी विचार किया गया.
सूत्रों की मानें तो मंत्रिमंडल में दो बातों का विशेष ख्याल रखा जा रहा है.
2022 में उत्तर प्रदेश समेत 6 राज्यों में होने वाला विधानसभा चुनाव.
दूसरा एनडीए के कुनबे को बढ़ाने पर जोर.
जबकि क्षेत्रीय दलों को भी इस बार साधने की तैयारी है.
इन चेहरों को मिल सकता है मौका
यूपी के पूर्वांचल से एक ब्राह्मण चेहरे को मौका मिल सकता है,
क्योंकि मोदी सरकार-1 में कलराज मिश्र और शिवप्रताप शुक्ल मंत्री रह चुके हैं.
लेकिन उनके बाद से मोदी सरकार 2 में गोरखपुर बेल्ट से किसी को मौका नहीं मिला.
जबकि शिवप्रताप शुक्ल समेत हरीश द्विवेदी, रमापतिराम त्रिपाठी, सीमा द्विवेदी, विजय दुबे, रविकिशन शुक्ल,
हरिद्वार दुबे जैसे ब्राह्मण सांसद पूर्वांचल से आते हैं.
यूपी चुनाव में इस बार ब्राह्मणों को साधने की चुनौती भी बीजेपी के सामने है.
जबकि बीजेपी एक ओबीसी और एक दलित चेहरे को भी तरजीह देना चाहती है.
ऐसे में पार्टी ओबीसी चेहरे के रूप में बांदा से सांसद आरके सिंह पटेल, एसपी बघेल, रेखा वर्मा में से किसी एक पर दांव लगा सकती है.
जबकि दलित चेहरे के लिए पूर्व आईपीएस और दलित नेता बृजलाल,
विनोद सोनकर या बीपी सरोज में से किसी एक की लॉटरी लग सकती है.
PM Modi cabinet expansion : यूपी के दो क्षेत्रीय दल अपना दल और निषाद पार्टी के एक-एक नेता को भी कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है.
ऐसा हुआ तो अनुप्रिया पटेल और प्रवीण निषाद को मंत्रिमंडल में शामिल किया जायेगा.
इससे न केवल ओबीसी वोटरों में पकड़ मजबूत होगी बल्कि एनडीए का कुनबा बढ़ेगा.
इसी तरह उत्तराखंडखंड से अनिल बलूनी या अजय टम्टा में से किसी एक को शामिल किया जा सकता है.
इसी तरह पंजाब से दलित नेता केंद्र सरकार में राज्यमंत्री सोमनाथ को प्रमोशन मिल सकता है.
एमपी से ज्योतिरादित्य सिंधिया, छत्तीसगढ़ से रमन सिंह या सरोज पाण्डेय में से एक को कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है.
पश्चिम बंगाल से निशीथ प्रामाणिक या दिलीप घोष.
हिमाचल प्रदेश से मंत्रिमंडल में शामिल अनुराग ठाकुर को प्रमोट कर स्वतंत्र प्रभार दिया जा सकता है.
असम से पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल को केंद्रीय कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है.