नई दिल्ली: Twitter India head को Ghaziabad Police ने दुबारा नोटिस भेजा है. ट्विटर इंडिया हेड मनीष महेश्वरी को 24 जून को लोनी बॉर्डर थाने में पेश होने के लिए कहा गया है.
ट्विटर इंडिया के रेजिडेंट ग्रीवांस ऑफिसर धर्मेंद्र चतुर को भी 24 तारीख को सुबह 10:30 बजे लोनी बॉर्ड थाना में पेश होने के लिए कहा गया है.
नोटिस में कहा गया कि ट्वीट में जो भी गतिविधि हो रही है उसके लिए आप जिम्मेदार हैं.
पुलिस ने कहा है कि, आप हिदायत देने के बाद भी ट्वीट्स को नहीं हटा पाये,
तो वहीं आप भारतीय कानून को अच्छे से समझते हैं.
नोटिस में यूपी पुलिस ने ट्विटर के जरिए दिए गए सफाई को अयोग्य बताया है.
Twitter India head पर ये भी आरोप लगाया कि, वो कार्रवाई में सहयोग देने से बच रहे हैं.
यूपी पुलिस ने नोटिस में लिखा की, ट्विटर इंडिया के एमडी होने के नाते आप भारत में ट्विटर के प्रतिनिधि हैं.
इसलिए इस जांच में सहयोग करने के लिए वे भारत के कानून से बाध्य हैं
यूपी पुलिस ने ये भी लिखा कि, ट्विटर इंडिया के हैंडल के माध्यम से भारत में प्रसारित कौन सा ट्वीट हटाया जाना चाहिए, इसका फैसला लेने की शक्ति ट्विटर इंडिया के एमडी के पास है.
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ट्विटर प्लेटफॉर्म पर बीते दिनों जो ट्वीट प्रकाशित हुआ था उसके कारण समाज में तनावपूर्ण माहौल पैदा हुआ
और देश प्रदेश के विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी बढ़ी और समाजिक सौहार्द को खतरा पैदा हुआ.
ट्विटर हेड अगर 24 तारीख को पुलिस थाने में नहीं पहुंचते हैं तो कानून कार्रवाई में प्रतिरोध उत्पन्न करने
और नोटिस को असफल करने का प्रयास माना जाएगा और उनपर उचति कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
गाजियाबाद पुलिस ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से यह ट्वीट किया था कि वीडियो को लेकर,
जो आरोप लगे हैं वो फर्जी है.
गाजियाबाद पुलिस ने नोटिस में ये भी लिखा कि ये ट्विटर के एमडी के अधिकार क्षेत्र में था,
वो इस झूठी खबर को फैलने से रोक सकते थे, लेकिन वो ऐसा करने में विफल रहे.
Twitter India head और ग्रीवांस ऑफिसर को यूपी पुलिस ने दंड प्रक्रिया सहिता की धारा 41(ए) के तहत यह नोटिस जारी किया
गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर साझा की गई,
वीडियो में बुजुर्ग शख्स ने गाजियाबाद के लोनी इलाके में चार लोगों पर उन्हें मारने,
उनकी दाढ़ी काटने और उन्हें ‘‘जय श्री राम’’ बोलने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है.
Ghaziabad Police ने कहा कि उसने इस कथित घटना के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की.
घटना पांच जून की थी लेकिन इसकी शिकायत दो दिन दिन बाद की गई.
पुलिस ने आगे कहा कि, पीड़ित अब्दुल समद बुलंदशहर के निवासी हैं
और सात जून को दर्ज कराई प्राथमिकी में उन्होंने जबरन जय श्री राम का नारा लगावाने या दाढ़ी काटने का आरोप नहीं लगाया था.
समद के परिवार ने पुलिस के दावों का खंडन किया.
समद के बेटे ने कहा है कि, पुलिस का यह कहना गलत है कि मेरे पिता ताबीज (ताबीज) बेचते थे.
हमारे परिवार में कोई भी यह व्यवसाय नहीं करता है.
हम कारपेंटर हैं. पुलिस सही बात नहीं कह रही है – उन्हें जांच करने और इसे साबित करने दें.
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