नई दिल्ली: Third Front बैठक में शामिल हुए नेताओं ने ये भी साफ़ किया कि इस बैठक का तीसरे मोर्चे के गठन से भी कोई लेना देना नहीं है.
बीजेपी विरोधी कई पार्टियों के नेताओं की एनसीपी प्रमुख शरद पवार के दिल्ली स्थित सरकारी आवास पर मंगलवार को एक बैठक हुई.
इसे बीजेपी के खिलाफ विपक्षी नेताओं के एकजुट होने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है.
Third Front बैठक में शामिल रहे विपक्षी नेताओं ने दावा किया है कि आज की उनकी बैठक बीजेपी के ख़िलाफ़ किसी मोर्चे के गठन के लिए नहीं बुलाई गई थी.
ये भी साफ़ किया गया कि बैठक भले ही शरद पवार के घर पर हुई हो,
लेकिन बैठक यशवंत सिन्हा की अगुवाई वाले राष्ट्रमंच की तरफ़ से बुलाई गई थी.
हालांकि बैठक के बाद शरद पवार ने सभी नेताओं के साथ फोटो ज़रुर खिंचवाई.
बैठक में आठ राजनीतिक दलों के नेता शामिल हुए लेकिन कांग्रेस समेत कई अन्य विपक्षी नेता नदारद रहे.
शरद पवार की अगुवाई में हो रही इस बैठक में दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस समेत विपक्षी दलों के कई शीर्ष नेता शिरकत की.
Third Front एनसीपी नेता माजिद मेनन ने कहा कि आज दिल्ली में राष्ट्र मंच की बैठक हुई.
यह बैठक भाजपा के ख़िलाफ़ एकजुट पार्टियों की बैठक नहीं थी
और ना ही कांग्रेस को बहिष्कार करने के लिए आयोजित हुई थी.
कांग्रेस को भी निमंत्रण दे रखा था.
इस बैठक में देश के राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक मुद्दों पर बातचीत हुई.
इस बैठक में टीएमसी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा, संजय झा (पूर्व कांग्रेस प्रवक्ता), विनय बिश्वम, वंदना चव्हाण, जावेद अख्तर, घनश्यात तिवारी,
जयंत चौधरी, केसी सिंह, उमर अब्दुल्ला, शाहिद सिद्दीकी, सीपीएम नेता नीलोत्पल बसु, पवन वर्मा और अर्थशास्त्री अरुण कुमार हिस्सा लेने पहुंचे.
बैठक में हिस्सा लेने आए सीपीआई सांसद विनय बिश्वम ने कहा- “सबसे अधिक नफरत वाली सरकार जो विफल रही,
उसके खिलाफ यह सभी धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक वाम ताकतों का एक मंच है, देश को बदलाव की जरूरत है.
लोग बदलाव के लिए तैयार हैं.”
बैठक में राजनीतिक दलों के नेताओं के अलावा पूर्व राजनयिक के सी सिंह ,
पूर्व राजनयिक जेडीयू सांसद पवन वर्मा ,
दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस ए पी शाह ,
गीतकार जावेद अख़्तर और अर्थशास्त्री अरुण कुमार जैसे गैर राजनीतिक लोग भी बैठक में शरीक हुए .
वैसे इनमें से सभी लोग सार्वजनिक तौर पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी नीतियों की आलोचना करते आए हैं.