नई दिल्ली : PM Meeting on JK : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में जम्मू-कश्मीर के नेताओं की मीटिंग चल रही है.
इस मीटिंग में जम्मू-कश्मीर के विभिन्न राजनीतिक दलों के 14 नेता शामिल हैं.
इस मीटिंग में जम्मू-कश्मीर के भविष्य के रोडमैप पर गहन चर्चा होने का अनुमान है.
वैसे प्रधानमंत्री की तरफ से कश्मीरी नेताओं को भेजे गए न्योते में बातचीत के किसी अजेंडे का जिक्र नहीं किया गया है.
लेकिन माना जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग जोर-शोर से उठ रही होगी.
उधर, केंद्र सरकार कश्मीरी नेताओं के दबाव में नहीं आने की कोशिश करेगी.
और यह संदेश देने के लिए वह उन पर अपना अजेंडा थोप रही होगी.
PM Meeting on JK : पाक नहीं, अपने वतन से करेंगे बात: फारूक
नैशनल कॉन्फ्रेंस के संरक्षक और गुपकर गठबंधन के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने मीटिंग में शिरकत करने जाते.
हुए बहुत साकारात्मक संकेत दिया कि वो पाकिस्तान के साथ बातचीत में भरोसा नहीं रखते हैं.
उन्होंने कहा, “हम उम्मीद करेंगे कि पीएम मोदी हमें आराम से सुनें। डिमांड हम पीएम के सामने ही रखेंगे.
बैठक के बाद ही मीडिया से बात करेंगे। हम बताएंगे कि हमने क्या-क्या कहा है.
मोदी का यह कदम देर आयद, दुरुस्त आयद वाला है। मैं पाकिस्तान वगैरह की बात नहीं करता।
मुझे अपने वतन से बात करनी है, अपने वतन के प्राइम मिनिस्टर से बात करनी है.
” अब्दुल्ला के इस बयान को पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती के रुख से इतर मानकर देखा जा रहा है.
महबूबा ने अलापा पाकिस्तान राग
महबूबा ने गुपकर गठबंधन की मीटिंग के बाद कहा था, “हमसे जो छीना गया है,
हम उस पर बात करेंगे कि यह एक गलती थी, यह एक अवैध एवं असंवैधानिक कृत्य था.
इसे बहाल किए बिना, जम्मू-कश्मीर की समस्या दूर नहीं हो सकती.
जम्मू-कश्मीर की स्थिति सुधर नहीं सकती और पूरे क्षेत्र में शांति स्थापित नहीं की जा सकती.
” उन्होंने कहा, “वे (भारत) दोहा में तालिबान के साथ वार्ता कर रहे हैं.
उन्हें समाधान (कश्मीर मुद्दा) के लिए जम्मू कश्मीर में सभी के साथ और पाकिस्तान के साथ वार्ता करनी चाहिए.
हम सितारे नहीं मांग रहे: तारिगामी
उधर, सीपीएम ने भी इशारों में आर्टिकल 370, 35ए और पूर्ण राज्य का दर्जा वापस करने की मांग का संकेत दिया.
पार्टी नेता एमवाई तारीगामी ने गुपकर अलायंस की मीटिंग के बाद कहा था.
“हम सितारे नहीं मांगेंगे, बल्कि वही मांगेंगे, जो हमारा रहा है और जो हमारा होना चाहिए.
हमें प्रधानमंत्री द्वारा बुलाई गई बैठक के एजेंडे के बारे में कोई जानकारी नहीं है.
ऐसे में हम शीर्ष नेतृत्व के समक्ष पीएजीडी के रुख को दोहराएंगे.