“Article 370 पर हम अपने मिशन से पीछे नहीं हटेंगे “, बोले उमर अब्दुल्ला
नई दिल्ली: Article 370 demand करना अभी बेवकूफी है, जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) की राजनीतिक पार्टियों की प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) से मीटिंग को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है उनके साथ मीटिंग अच्छी रही.
सभी पार्टियो ने अपना मत उनके सामने रखा.
फिलहाल केंद्र सरकार ने इस संबंध में कोई इशारा नहीं किया है.
हम लोगों से ये नहीं कह सकते कि इन बैठकों के जरिए हम 370 वापस ले आएंगे.
उन्होंने ये भी कहा कि पीएम के सामने 370 की बात न करने का मतलब ये कतई नहीं है कि हमने अपनी मांग को छोड़ दिया है.
हम अपने मिशन से पीछे नहीं हटेंगे, भले ही हमे 70 सप्ताह या 70 महीने लग जाएं.
अभी तो हमारी जद्दोजहद शुरू हुई है, जम्मू कश्मीर के पूरे मामले को हम कानूनी तरीके से आगे ले जाएंगे.
हमें जम्मू कश्मीर के अस्तित्व का वापस लाने के लिए जो करना पड़ेगा करेंगे.
लोग नाराज हैं, हम लोगों को धोखा नहीं दे सकते.
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमें वहां (पीएम की सर्वदलीय बैठक में) गठबंधन के रूप में नहीं बुलाया गया था.
अगर ऐसा होता, तो गठबंधन के केवल एक व्यक्ति को आमंत्रित किया जाता.
हमने उस बैठक में कुछ नहीं कहा जो गुप्कर एलायंस के एजेंडे से बाहर है.
जहां तक परिसीमन आयोग का सवाल है, पार्टी ने बहुत स्पष्ट कर दिया है.
उन्होंने फारूक अब्दुल्ला को जरूरत पड़ने पर विचार करने के लिए अधिकृत किया है.
उमर अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि गुलाम नबी आजाद ने हम सबकी तरफ से वहां बात की और कहा कि हम ये टाइमलाइन नहीं मानते हैं.
डिलिमिटेशेन, चुनाव और राज्य का दर्जा नहीं.
पहले डिलिमिटेशन, फिर राज्य का दर्जा, फिर चुनाव.
चुनाव कराना ही है तो पहले राज्य का दर्जा लौटा दीजिए. उसके बाद हम चुनाव पर बात करेंगे.
वहां किसी ने प्रधानमंत्री से नहीं कहा कि हम 5 अगस्त कबूल करते हैं.
हमने कहा कि हम इससे नाराज हैं.
वहीं फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि PM से मुलाकात बहुत अच्छी रही.
उनकी तरफ से ये पहला कदम था कि किसी भी तरीके से जम्मू-कश्मीर के हालात बेहतर बनाए जाएं और एक सियासी दौर शुरू किया जाए.
जब तक मैं अपनी जमात से बात नहीं कर लेता कुछ कह नहीं सकता.