लखनऊ: Ambedkar memorial और सांस्कृतिक केंद्र लखनऊ में योगी सरकार बनाएगी.
लखनऊ में आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस अंबेडकर स्मारक की बुनियाद रखी,
लेकिन BSP अध्यक्ष मायावती ने फौरन ही ट्वीट कर कहा कि चुनाव के मौके पर यह BJP की नाटकबाजी है.
बेहतर होता कि राष्ट्रपति आज इसका शिलान्यास नहीं बल्कि उद्घाटन करते.
योगी सरकार ने जिस Ambedkar memorial का शिलान्यास राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से करवाया है,
वह लखनऊ के ऐशबाग इलाके में बनेगा.
इसके उद्घाटन के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि डॉ भीमराव अंबेडकर का भी बुद्ध धर्म की ‘”भवतु सब्ब मंगलम ” में विश्वास था,
जिसे अब राजनीतिक दल “सबका साथ-सबका विश्वास” का नारा दे रहे हैं.
Ambedkar memorial: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने कहा कि भारत के संविधान के शिल्पी के रूप में हम सब बाबा साहब डाक्टर भीम राव अंबेडकर का स्मरण करते हैं.
केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में जब भी वंचितों,
दलितों और समाज के अंतिम पायदान के व्यक्ति की आवाज की बात होगी,
तो बाबा साहब का नाम पूरे सम्मान के साथ लिया जाएगा.
योगी ने कहा कि आज ही के दिन बाबा साहब ने 93 वर्ष पहले 1928 में ‘समता’ नामक साप्ताहिक पत्र की शुरुआत की थी
और देश के अंदर समतामूलक समाज की स्थापना की लड़ाई का शुभारंभ किया था.
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्थापित डॉक्टर भीमराव अंबेडकर मेमोरियल एवं सांस्कृतिक सेंटर का शुभारंभ बाबा साहब की स्मृतियों को जीवंत बनाये रखेगा.
चूंकि अगले साल के शुरू में उत्तर प्रदेश में विधान सभा के चुनाव हैं
इसलिए इसे BJP की दलितों में घुसपैठ की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है.
उत्तर प्रदेश में क़रीब 21 फीसदी दलित वोट है.
अभी दलित वोट बड़ा हिसा मायावती को जाता रहा है.
चुनाव में उनको चाहे जितनी सीटें मिलें लेकिन उनका वोट प्रतिशत बहुत कम नहीं होता.
BJP ने दलितों के घर जाटव वोटों में सेंध लगाने की कोशिश शुरू की है और पार्टी को उसके अच्छे नतीजे भी मिले हैं.
साल 2017 के विधान सभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 86 आरक्षित सीटों में से बीजेपी 68 सीट जीत गयी
जबकि मायावती को सिर्फ 2 सीटें मिली थी.
Ambedkar memorial सांस्कृतिक केंद्र के निर्माण के लिए ,
पिछले हफ्ते योगी कैबिनेट ने ऐशबाग में राज्य के सांस्कृतिक विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी.
स्मारक ऐशबाग ईदगाह के सामने 5493.52 वर्ग मीटर नजूल भूमि पर बनेगा.
इसमें डॉ अंबेडकर की 25 फीट ऊंची प्रतिमा भी होगी.