नई दिल्ली: Sushil kumar Shinde : कांग्रेस की दुविधा और अनिर्णय की स्थिति को देखकर अब पार्टी के भरोसेमंद पुराने दिग्गजों का धैर्य भी जवाब देने लगा है.
Sushil kumar Shinde : कांग्रेस में संवाद, बहस और बैठकों के दौर की परंपरा खत्म होने का पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे
का ताजा बयान नेताओं के टूटते धैर्य का ही संकेत है.
पार्टी के संचालन की मौजूदा रीति-नीति पर शिंदे का सवाल उठाना इसलिए भी मायने रखता है
कि उन्हें कांग्रेस आलाकमान के करीबियों में गिना जाता है.
राष्ट्रीय सियासत में कांग्रेस की लगातार कमजोर पड़ रही पकड़ को लेकर अपनी बेचैनी का इजहार करते हुए,
शिंदे ने पुणे में कहा कि यह दुखद है कि आत्मचितन, चर्चा-बहस, बैठकें करने की
कांग्रेस की परंपरा आज खत्म हो गई है.
पार्टी को आत्मनिरीक्षण करने की आवश्यकता है.
शिंदे ने कहा कि हमारी नीतियों में त्रुटि-खामियां हो सकती हैं.
इसे दुरस्त करने के लिए संवाद और आत्मनिरीक्षण की जरूरत है.