पटना: Modi Cabinet Expansion : हाल ही में रामविलास पासवान के भाई पशुपति कुमार पारस पटना में एक कपड़े की दुकान पर देखे गए.
पता चला कि वो थोक भाव में बंडी और कुर्ता सिलवा रहे हैं.
सूत्र बता रहे है कि उन्हें सोमवार को गृहमंत्री अमित शाह का फोन भी आया है.
ऐसे में मोदी कैबिनेट में उनके मंत्री बनने की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है.
मोदी कैबिनेट में मंत्री बनेंगे पारस!
केंद्र की मोदी सरकार के कैबिनेट विस्तार की चर्चा के बीच के बीच रामविलास पासवान के भाई.
और चिराग से बागी होकर अलग गुट बनाने वाले एलजेपी सांसद पशुपति कुमार पारस गृहमंत्री अमित शाह के फोन के बाद दिल्ली आ गए हैं.
माना जा रहा है कि पारस मोदी कैबिनेट में मंत्री बन सकते हैं.
सूत्रों के मुताबिक मंत्री बनाने को लेकर चिराग के पास अब तक कोई फोन कॉल नहीं आई है.
पारस ने कहा- शाह ने रामविलास को श्रद्धांजलि देने के लिए किया फोन
केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से बात करने को लेकर पारस ने पुष्टि तो.
की लेकिन साथ में ये कहा कि उनकी अमित शाह से कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई.
उनके मुताबिक अमित शाह ने रामविलास पासवान की जयंती को लेकर फोन किया और उन्हेें श्रद्धांजलि दी.
Modi Cabinet Expansion : आरसीपी सिंह दिल्ली रवाना
मोदी मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा के बीच JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष.
और नीतीश के खासमखास RCP सिंह दिल्ली रवाना हो चुके हैं.
अब वहां जाने का मकसद क्या है ये तो वही जानें लेकिन चर्चा है.
कि वो एक बड़े यक्ष प्रश्न का जवाब ढूंढने दिल्ली गए हैं.
क्योंकि राह इतनी आसान नहीं है जितना अनुमान लगाया जा रहा है.
समझने के लिए आपको नीतीश कुमार का समीकरण देखना होगा.
नीतीश की पसंद के ये हैं पांचनाम
सूत्र बताते हैं कि नीतीश इस बार केंद्र में अपने 5 मंत्री चाहते हैं.
क्योंकि लोकसभा और विधानसभा में JDU-BJP ने बराबर सीटों पर चुनाव लड़ा था.
ऐसे में नीतीश की ख्वाहिश भी उसी हिसाब से है.
पांच नामों की बात करें तो उनमें आरसीपी सिंह.
राजीव रंजन ऊर्फ ललन सिंह, संतोष कुशवाहा, रामनाथ ठाकुर और चंद्रेश्वर चंद्रवंशी हैं.
Modi Cabinet Expansion : क्या नीतीश की पांच मंत्रियों की मांग मानेंगे मोदी?
सबसे बड़ा यक्ष प्रश्न भी यही है? क्या नीतीश की पांच मंत्रियों की मांग पर मोदी तैयार हैं?
सूत्रों के मुताबिक इस बार नीतीश को दो मंत्रिपद ऑफर किए जा सकते हैं.
अब ऐसे में नीतीश पर ये तय करने के लिए छोड़ दिया जाएगा कि JDU से वो दो नाम कौन होंगे?
नीतीश ले सकते हैं चौंकानेवाला फैसला?
हालांकि ये सिर्फ एक गणना है लेकिन अगर जो सूरत सूत्रों के मुताबिक दिख रही है.
तो फिर नीतीश के लिए काफी मुश्किल है.
क्योंकि वो नहीं चाहेंगे कि तीसरे नंबर पर आने के बाद वो किसी भी जाति की नाराजगी मोल लें.
संगठन में कुर्मी-कोयरी समीकरण बिठाने को लेकर नीतीश विरोधियों के निशाने पर भी हैं.
ऐसे में नीतीश ये बिल्कुल नहीं चाहेंगे कि कोई भी बुरा माने.
हो सकता है कि दो मंत्रिपद को भी नीतीश फिर से सांकेतिक हिस्सेदारी ही बता दें.