नई दिल्ली : Covid Third Wave : कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच केंद्र सरकार ने तैयारियां तेज कर दी हैं.
देश में मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को हाईलेवल मीटिंग की.
और 1,500 ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने का आदेश दिया.
इन प्लांट्स को देश भर के अलग-अलग हिस्सों में स्थापित किया जाएगा.
पीएम मोदी ने इस मीटिंग में अधिकारियों से कहा कि वे सुनिश्चित करें कि ये जल्दी से जल्दी काम करना सुनिश्चित कर दें.
इसके साथ ही मीटिंग में पीएम मोदी ने हॉस्पिटल स्टाफ को ऑक्सीजन प्लांट के संचालन.
और रखरखाव के लिए जरूरी ट्रेनिंग दिए जाने पर भी जोर दिया.
इन ऑक्सीजन प्लांट्स की फंडिंग पीएम केयर्स फंड से की जाएगी.
इससे देश में 4 लाख ऑक्सीजन बेड तैयार करने में मदद मिलेगी.
पीएम नरेंद्र मोदी ने इस अहम मीटिंग में कहा कि हर जिले में ऐसे कुछ लोग होने चाहिए.
जिन्हें ऑक्सीजन प्लांट्स के संचालन और रखरखाव के लिहाज से ट्रेनिंग दी जाए.
भारत में मार्च से लेकर मई तक चली कोरोना की दूसरी लहर में बड़े पैमाने पर कोरोना के केस मिले थे.
यही नहीं पहली लहर के मुकाबले इस बार ऑक्सीजन की कमी के मामले बहुत ज्यादा देखने को मिले थे.
वहीं मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु समेत देश के तमाम शहरों में मेडिकल ऑक्सीजन, वेंटिलेटर बेड्स आदि तक की कमी पड़ गई थी.
अधिकारियों को PM ने दिया राज्य सरकारों संग काम का आदेश
इसके चलते सरकार को भी काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था.
शायद यही वजह है कि तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच पीएम मोदी ने यह मीटिंग की है.
और जल्दी से जल्दी ऑक्सीजन प्लांट्स स्थापित करने का आदेश दिया है.
पीएम मोदी ने इस मीटिंग में कहा कि केंद्र सरकार के अधिकारियों को राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करना चाहिए.
और यह तय करना चाहिए कि अस्पतालों के स्टाफ की सही ट्रेनिंग हो सके.
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकारों को नई तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए ताकि स्थानीय.
और राष्ट्रीय स्तर पर ऑक्सीजन प्लांट्स के कामकाज की मॉनिटरिंग की जा सके.
कैबिनेट फेरबदल के बाद PM मोदी की कोरोना पर पहली मीटिंग
इस मीटिंग के दौरान अधिकारियों ने पीएम नरेंद्र मोदी को बताया कि उनका देश भर में 8,000 लोगों को ट्रेनिंग देने का टारगेट है.
कैबिनेट के फेरबदल और विस्तार के बाद पीएम नरेंद्र मोदी की.
ओर से कोरोना को लेकर यह पहली हाई लेवल मीटिंग थी.
बता दें कि कैबिनेट फेरबदल के तहत हेल्थ मिनिस्टर डॉ. हर्षवर्धन को हटा दिया गया है.
और यह जिम्मेदारी अब मनसुख मांडविया को दी गई है.