Ladakh के देमचुक में घुसकर चीनी सेना ने लहराए झंडे और बैनर

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Ladakh : भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर जारी गतिरोध के बीच चीनी सैनिकों

और कुछ नागरिकों ने लद्दाख के देमचुक क्षेत्र में सिंधु नदी के पास बैनर और चीनी झंडे लहराते देखे गए.

Ladakh : यह घटना 6 जुलाई की है, जब भारत में ग्रामीण इलाके की तरफ तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के जन्मदिन पर जश्न मना रहे थे.

दलाई लामा के 86वें जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें बधाई दी थी.

देमचुक में गांव के सामुदायिक केंद्र के नजदीक पांच गाड़ियों में चीनी सेना के जवान

और कुछ नागरिक बैनर लहराते देखे गए. इसी जगह पर दलाई लामा के जन्मदिन का जश्न मनाया जा रहा था.

चीनी सैनिकों ने यह कदम तब उठाया है जब दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख में कुछ टकराव बिंदुओं पर गतिरोध जारी है.

प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले सप्ताह दलाई लामा को जन्मदिन की बधाई देते हुए ट्विटर पर लिखा था,

“महामहिम दलाई लामा के साथ फोन पर बातचीत की और उन्हें 86वें जन्मदिन की बधाई दी.





हम उनकी दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की कामना करते हैं.

” प्रधानमंत्री के इस ट्वीट को तिब्बती कार्यकर्ताओं ने चीन को एक कड़े संदेश के तौर पर देखा था.

तिब्बती संसद की सदस्य डोलमा सेरिंग ने पीएम मोदी के ट्वीट को लेकर समाचार एजेंसी एएनआई से कहा था

,“पीएम मोदी की तरफ से उनके (दलाई लामा) जन्मदिन पर बधाई देना एक सकारात्मक कदम है.

पीएम मोदी यह संदेश देना चाहते हैं

कि भारत तिब्बत के बारे में बात करने में अब कोई भी एहतियात नहीं बरतने जा रहा है.




इससे चीन को एक कड़ा संदेश मिला है.”

फरवरी में पैंगोंग लेक के पास डिसइंगेजमेंट पूरा

वहीं एक तिब्बती कार्यकर्ता लोबसांग वांगयाल ने कहा था,

“भारत और चीन के बीच सीमा विवाद के बावजूद,

दलाई लामा के जन्मदिन पर बधाई देने के लिए पीएम मोदी का फोन करना एक महत्वपूर्ण कदम है.

यह संकेत है कि भारत अपनी ताकत दिखा रहा है. यह चीन के लिए एक बहुत बड़ा संदेश है.”

पूर्वी लद्दाख में पिछले साल 5 मई को गतिरोध शुरू होने के बाद दोनों पक्षों ने इस साल फरवरी में पैंगोंग झील के उत्तरी

और दक्षिणी किनारों से सैनिकों तथा हथियारों की वापसी की प्रक्रिया को पूरा किया.

यह डिसइंगेजमेंट कई दौर की सैन्य और कूटनीतिक वार्ताओं के बाद हुए समझौते के तहत किया गया था.

हालांकि हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और डेपसांग जैसे क्षेत्रों में गतिरोध अब भी बरकरार है.

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