नई दिल्ली: UP Population bill : Uttar Pradesh की योगी सरकार ने जोर-शोर से जनसंख्या नियंत्रण से संबंधित नीति का ऐलान कर दिया है
और जल्द ही विधानसभा के सत्र में इससे संबंधित विधेयक भी पेश किया जाने वाला है.
इस बिल के मुताबिक, दो बच्चों से ज्यादा बच्चों वाले माता-पिता को स्थानीय चुनाव लड़ने,
सरकारी नौकरियों में प्रमोशन के लिए आवेदन देने और सरकारी सब्सिडी पाने के अधिकार से वंचित करने का प्रावधान किया जा रहा है.
हालांकि, अगर ये बिल कानून बना तो बीजेपी के 50% सिटिंग विधायक ही फिर से चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिए जाएंगे.
TOI में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश विधानसभा की वेबसाइट पर कुल 397 विधायकों की प्रोफाइल मौजूद हैं.
इनमें से कुल 304 बीजेपी के विधायक हैं.
इन प्रोफाइल्स में दी गईं डीटेल्स के आधार पर पता चलता है
कि खुद बीजेपी के 152 विधायक ऐसे हैं जिनकी 2 से ज्यादा संतानें हैं.
उत्तर प्रदेश जनसंख्या विधेयक-2021 अगर कानून बनता है तो ये लोग भी फिर से चुनाव लड़ने के मामले में अयोग्य घोषित कर दिए जाएंगे.
बीजेपी को भी होगा नुकसान
विधानसभा की वेबसाइट के मुताबिक, एक बीजेपी विधायक के तो आठ बच्चे हैं
जबकि एक अन्य विधायक के 7 बच्चे हैं. बीजेपी के 8 विधायक ऐसे हैं जिनके 6-6 बच्चे हैं
जबकि 15 विधायकों के 5, 44 के 4 और 83 के 3 बच्चे हैं.
बीजेपी के सिर्फ 103 विधायक ही ऐसे हैं जिनके 2-2 बच्चे हैं जबकि 34 विधायकों की फिलहाल सिर्फ 1 संतान है.
15 विधायक ऐसे भी हैं जिनकी या तो कोई संतान नहीं है या फिर उन्होंने इसकी जानकारी नहीं दी है.
सपा और अन्य पार्टियों की स्थिति भी अलग नहीं
विधानसभा की वेबसाइट के मुताबिक कुल विधायकों में 52% ऐसे हैं जिनके 2 से ज्यादा बच्चे हैं
और वे इस कानून के लागू होने के बाद फिर चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.
समाजवादी पार्टी के विधानसभा में कुल 49 विधायक हैं
जिनमें से 55% यानी के 27 ऐसे हैं जिनके 2 से ज्यादा बच्चे हैं,
जबकि 22 ऐसे हैं जिनके 2 या उससे कम बच्चे हैं.
बसपा, अपना दल, कांग्रेस और निषाद पार्टी जैसे छोटे दलों में भी कमोबेश यही स्थिति है
कि जनसंख्या कानून लागू होने के बाद उनके करीब 50 प्रतिशत विधायक चुनाव लड़ने के योग्य नहीं रहेंगे.
खुद रवि किशन के हैं 4 बच्चे
गोरखपुर से लोकसभा सांसद
और भोजपुरी फिल्म अभिनेता रवि किशन ने जनसंख्या नियंत्रण पर प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया है.
बता दें कि रवि किशन भी बीजेपी के सांसद हैं और खुद चार बच्चों के पिता हैं.
हालांकि संसद ने वर्ष 1970 से ही कोई प्राइवेट मेंबर बिल पास नहीं किया है.
बता दें कि जनसंख्या नियंत्रण विधेयक- 2019 में भी दो दो बच्चों की नीति को ही सरकारी सुविधाओं का आधार बनाया गया है.
यानी, दो बच्चों से ज्यादा के माता-पिता हैं
तो कानून लागू होने पर सरकारी नौकरी और सब्सिडी पाने के अयोग्य हो जाएंगे.
लोकसभा की वेबसाइट कहती है कि 186 सांसद भी ऐसे हैं
जो इस कानून के दायरे में आ जाएंगे और इनमें 105 सांसद बीजेपी के हैं जिन्हें दो से ज्यादा बच्चे हैं.