दिल्ली : Parliament stalled : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को संसद में लगातार हंगामा करने और कार्यवाही में व्यवधान डालने के लिए कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों को आड़े हाथों लिया
और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों से विपक्ष के इस रवैये की जनता के समक्ष पोल खोलने की अपील की.
प्रधानमंत्री ने भाजपा संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही.
यह जानकारी सूत्रों ने दी है.
ज्ञात हो कि विपक्षी दल पेगासस जासूसी विवाद
और तीन कृषि कानूनों सहित अन्य मुद्दों पर संसद के दोनों सदनों में लगातार हंगामा कर रहे हैं.
इस वजह से मानसून सत्र का पहला सप्ताह पूरी तरह हंगामे की भेंट चढ़ गया.
सोमवार को भी दोनों सदनों में विपक्ष का हंगामा जारी रहा. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक,
भाजपा सांसदों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्षी दल ‘जानबूझकर’ ऐसा व्यवहार कर रहे है
ताकि सरकार गतिरोध दूर करने के अपने प्रयासों में सफल ना हो.
Parliament stalled : ‘कांग्रेस खुद भी विरोध कर रही और दूसरों से भी करा रही’
इस कड़ी में उन्होंने सरकार की ओर से गतिरोध दूर करने के लिए किए गए प्रयासों का भी उल्लेख किया.
पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री द्वारा कोविड-19 की स्थिति पर चर्चा के लिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक
का कांग्रेस द्वारा बहिष्कार किए जाने का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि कांग्रेस खुद तो कर ही रही है,
अन्य विपक्षी दलों को भी इसके लिए प्रेरित कर रही है.
उन्होंने सांसदों से कहा, ‘कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के इस रवैये की जनता के समक्ष पोल खोलने की आवश्यकता है.’
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बैठक में संसदीय कार्यमंत्री प्रल्हाद जोशी
और संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने संसद के दोनों सदनों में अब तक हुए काम काज का ब्योरा दिया.
साथ ही यह भी बताया कि सरकार कौन-कौन से विधेयक और अन्य विधायी कार्य प्रमुखता से पूरा कराना चाहती है
लेकिन विपक्षी दलों के हंगामे के कारण वह ऐसा नहीं कर सकी.
जेपी नड्डा ने सांसदों को दिए खास निर्देश
सूत्रों ने बताया कि बैठक को भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने भी संबोधित किया.
उन्होंने सांसदों से केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं के बारे में जनता के बीच प्रचार प्रसार करने की अपील की.
उन्होंने सांसदों से टीकाकरण केंद्रों का लगातार दौरा करने और लोगों को इसके लिए प्रेरित करने का आग्रह भी किया.
प्रधानमंत्री ने बैठक में आजादी की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर मनाया जाने वाला ‘अमृत महोत्सव’ का भी जिक्र किया
और कहा कि केवल एक सरकारी कार्यक्रम बनकर नहीं रहना
चाहिए बल्कि इसे जन आंदोलन के रूप में आगे बढ़ाने के लिए ‘जन सहभागिता’ सुनिश्चित करनी होगी.
उन्होंने पार्टी सांसदों से अपील की कि वह प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में दो-दो कार्यकर्ताओं की टोली तैयार
करें जो 75 गांवों का दौरा करे और वहां 75 दिन बिताए तथा जनता के बीच डिजिटल साक्षरता को लेकर जागरूकता अभियान चलाए.