Private hospital में महंगे इलाज पर केंद्र को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

0
296
Private hospital

नई दिल्ली : Private hospital : सुप्रीम कोर्ट में निजी अस्पतालों में महंगे इलाज के खिलाफ एक एनजीओ ने याचिका दी है.

Private hospital : एनजीओ जन स्वास्थ्य अभियान की तरफ से दी गई है याचिका

साथ ही, छोटे क्लिनिक में बिना विशेषज्ञ डॉक्टरों और ज़रूरी सुविधा के मरीजों को भर्ती करने की भी बात याचिका में रखी गई है.

याचिका एनजीओ जन स्वास्थ्य अभियान की है.

याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ वकील संजय पारिख ने 2010 में बने क्लिनिकल इस्टैब्लिशमेंट्स

(रजिस्ट्रेशन एंड रेग्युलेशन) एक्ट के अब तक पूरी तरह लागू न होने का मसला उठाया.

उन्होंने कहा कि इस कानून में इलाज की एक स्टैंडर्ड प्रक्रिया और फीस की बात कही गई है.

इससे जुड़े नियमों का ड्राफ्ट तैयार है. लेकिन उसे नोटिफाई नहीं किया गया है.

वैसे 11 राज्यों और 6 केंद्रशासित क्षेत्रों ने इस एक्ट को माना है.

दूसरों ने अपने यहां अलग कानून बना लिया है.

इन सारी बातों का खामियाजा आम आदमी को उठाना पड़ रहा है.

सुनवाई कर रही बेंच के अध्यक्ष चीफ जस्टिस एन वी रमना ने याचिकाकर्ता की चिंताओं से सहमति जताई.

उन्होंने कहा, “इस मसले को केंद्र और राज्यों को देखना है. हमें व्यवहारिक रुख अपनाना होगा.

निजी अस्पताल और क्लिनिक के रजिस्ट्रेशन के नियम बने हुए हैं.

लेकिन यह भी देखने की ज़रूरत है कि अगर छोटे क्लिनिक

2010 में बने क्लिनिकल इस्टैब्लिशमेंट्स (रजिस्ट्रेशन एंड रेग्युलेशन) एक्ट को लागू करने की मांग

इस पर पारिख ने कहा कि 2010 के कानून की धारा 11

और 12 में स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल की बात कही गई है.

याचिकाकर्ता की मांग इसको पूरी तरह से लागू करने की है.

कोर्ट को इसका निर्देश देना चाहिए. चीफ जस्टिस ने कहा, “हम केंद्र को नोटिस जारी कर रहे हैं.

उन्हें जवाब देने दीजिए.”

Follow us on Facebook

Follow us on YouTube

Download our App

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here