लखनऊ : SP अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जनेश्वर मिश्र की जयंती पर साइकिल यात्रा शुरू की.
अखिलेश यादव ने लखनऊ स्थित सपा कार्यालय से करीब 6 किमी लंबी जनेश्वर मिश्र पार्क तक साइकिल रैली निकाली है.
यूपी के सभी जिलों में बीजेपी सरकार की नीतियों के खिलाफ आज सपा की साइकिल यात्रा हो रही है.
इससे पहले पार्टी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अखिलेश ने दावा किया कि जनता की नाराजगी से लगता है.
कि यूपी के अगले विधानसभा चुनाव में SP 400 सीटें जीत लेगी.
6 किमी लंबी यात्रा में अखिलेश लखनऊ के विक्रमादित्य मार्ग स्थित पार्टी कार्यालय से लॉरेटो चौराहा,
कालिदास चौराहा, जियामऊ, 1090 चौराहा, जयप्रकाश नारायण इंटरनैशनल सेंटर,
शीरोज कैफे, सीएमएस स्कूल चौराहा और दयाल चौराहे से होते हुए जनेश्वर मिश्र पार्क पहुंचे.
उनकी पत्नी और पूर्व सांसद डिंपल यादव ने कन्नौज में साइकिल यात्रा को हरी झंडी दिखाई.
SP अध्यक्ष अखिलेश ने बोला हो सकता है हम 400 सीटें जीत जाएं
अपनी साइकिल यात्रा शुरू करने से पहले अखिलेश यादव ने दावा किया, ‘सरकार हर मुद्दे पर नाकाम है.
अभी तक तो हम 350 बोलते थे लेकिन जिस तरह की नाराजगी जनता के बीच में है,
हो सकता है हम 400 सीटें जीत जाएं। आज तो स्थिति ऐसी है कि बीजेपी के पास प्रत्याशी कम पड़ जाएंगे.
प्रत्याशी टिकट ही नहीं मांगेंगे.
‘बीजेपी ने घोषणापत्र खोलकर नहीं देखा’
अखिलेश ने कहा कि पिछले रविवार को मिर्जापुर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक रैली में कहा था.
कि प्रदेश की बीजेपी सरकार ने वर्ष 2017 में जारी पार्टी के चुनाव घोषणा पत्र का हर वादा पूरा कर दिया है.
मगर सच्चाई यह है कि बीजेपी ने अभी तक अपना घोषणापत्र खोलकर देखा भी नहीं है.
SP अध्यक्ष अखिलेश के साथ दो हजार कार्यकर्ताओं ने चलाई साइकिल
अखिलेश के साथ करीब दो हजार से ज्यादा कार्यकर्ता लखनऊ की सड़कों पर पार्टी के झंडे लेकर साइकिल चलाते दिखे.
इससे पहले अखिलेश ने एक बयान में कहा कि सपा ने साइकिल यात्रा के माध्यम से अन्याय के खिलाफ संघर्ष का निर्णय किया है.
बीजेपी की नीतियों के खिलाफ सपा का प्रदर्शन
अखिलेश ने बयान में कहा, ‘इस साइकिल यात्रा का उद्देश्य आजम खान को फर्जी मुकदमों में फंसाकर जेल में रखने,
चरम पर अपराध और भ्रष्टाचार, बेलगाम मंहगाई,
किसानों पर थोपे गए तीन काले कृषि कानूनों की मार, बेरोजगारी से बेहाल नौजवान, महिला उत्पीड़न,
आरक्षण पर संघी प्रहार, जिला पंचायत में धांधली के कारण लोकतंत्र पर खतरा.
और चौपट स्वास्थ्य व्यवस्था के कारण कोरोना से हुई मौतों के खिलाफ जनरोष दर्ज करना है.