Seaways

नई दिल्ली:Seaways इंटरनेशनल ट्रेड की लाइफलाइन हैं, यह समंदर हमारी साझा धरोहर है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि विभिन्‍न देशों के बीच समुद्री व्यापार की बाधाओं को दूर किए जाने की जरूरत है.

पीएम मोदी ने यह बात संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की डिबेट (UN Security Council debate) में अपने संबोधन के दौरान कही.

सबसे बड़ी बात यह है कि यह हमारे प्‍लेनेट के भविष्‍य के लिए बहुत महत्‍वपूर्ण हैं,

लेकिन हमारी इस साझा धरोहर को आज कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.

Seaways का पाइरेसी और आतंकवाद के लिए दुरुपयोग हो रहा है.

अनेक देशों के बीच मैरीटाइम डिस्‍पयूट हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस व्‍यापक संदर्भ में अपनी साझा सामुद्रिक धरोहर के उपयोग के लिए हमें आपसी समझ और सहयोग का फ्रेमवर्क बनाना चाहिए.

ऐसा फ्रेमवर्क कोई भी देश अकेला नहीं बना सकता, यह साझे प्रयास के ही संभव है.

इसी सोच के साथ हम इस महत्‍वपूर्ण विषय को सुरक्षा परिषद के पास लेकर आए है.

मुझे पूरा विश्‍वास है कि आज की हाईलेवल चर्चा से विश्‍व को मैरीटाइम से जुड़े मुद्दे पर मार्गदर्शन मिलेगा.

इस मंथन को चर्चा देने के लिए मैं आपके समक्ष पांच मूलभूत सिद्धांत रखना चाहूंगा पहला,

हमें मैरीटाइम ट्रेड में बैरियर्स हटाने चाहिए, हम सभी की समृद्धि मैरीटाइम ट्रेड के सक्रिय फ्लो पर निर्भर है.

इसमें आई अड़चनें पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए चुनौती हो सकती हैं.

उन्होंने कहा, ‘पायरेसी और आतंकवाद के लिए समुद्री रास्तों का दुरूपयोग हो रहा है.

अनेक देशों के बीच समुद्री विवाद हैं और जलवायु परिवर्तन व प्राकृतिक आपदाएं भी समुद्री क्षेत्र से जुड़े विषय हैं.

हम सभी की समृद्धि समुद्री व्यापार के सक्रिय प्रवाह पर निर्भर हैं.

इसमें आई अड़चनें पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए चुनौती हो सकती हैं.

दूसरा सिद्धांत समुद्री विवाद का समाधान शांतिपूर्ण और अंतर्राष्ट्रीय कानून के आधार पर ही होना चाहिए.

आपसी विश्वास और साहस के लिए यह अति आवश्यक है.

इसी माध्यम से हम वैश्विक शान्ति और स्थिरता सुनिश्चित कर सकते हैं.

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