काबुल: Taliban ने बल्ख प्रांत की राजधानी मजार-ए-शरीफ पर भी कब्जा कर लिया है.
इसी के साथ अफगान सरकार के सबसे मजबूत गढ़ का पतन भी हो गया है.
मजार-ए-शरीफ को मार्शल अब्दुल रशीद दोस्तम का शहर कहा जाता है.
कुछ दिनों पहले ही तुर्की के इलाज करवाकर लौटे दोस्तम भी इसी शहर में मौजूद थे.
अभी तक उनके बारे में कुछ पता नहीं चल पाया है.
अफगानिस्तान के इस चौथे सबसे बड़े शहर पर कब्जे के बाद आशंका जताई जा रही है कि जल्द ही राजधानी काबुल भी आतंकियों के नियंत्रण में आ सकता है
बल्ख के सांसद अबास इब्राहिमज़ादा ने कहा कि अफगान सेना ने तालिबान के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है.
इससे सरकार समर्थक मिलिशिया और अन्य बलों को मनोबल भी टूट गया.
सांसद के अनुसार, राज्यपाल के कार्यालय सहित सभी प्रांतीय प्रतिष्ठानों पर तालिबान का कब्जा हो गया है.
Taliban लड़ाकों ने जेल पर कब्जा कर सभी कैदियों को रिहा कर दिया है.
विद्रोहियों ने उत्तरी, पश्चिमी और दक्षिणी अफगानिस्तान के अधिकांश हिस्से पर पहले से ही कब्जा जमाया हुआ है.
इस बीच आशंका जताई जा रही है कि जल्द ही पूरे अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो सकता है.
देश के दूसरे और तीसरे सबसे बड़े शहर कंधार और हेरात पर तालिबान ने पहले से ही नियंत्रण हासिल किया हुआ है.
बताया जा रहा है कि तालिबान ने अभी तक देश के 34 में से 20 प्रांतों पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया है.
तालिबान ने शनिवार को दो और प्रांतों पर कब्जा कर लिया और अफगानिस्तान की राजधानी के बाहरी इलाके तक पहुंच गया है.
वहीं उसने उत्तरी हिस्से के एक बड़े शहर पर चौतरफा हमला किया है जिसकी रक्षा पूर्व क्षत्रप कर रहे हैं.
तालिबान ने उत्तर, पश्चिम और दक्षिण अफगानिस्तान के अधिकतर हिस्सों पर कब्जा कर लिया है.
इसके कारण यह आशंका बढ़ गई है कि तालिबान फिर से अफगानिस्तान पर कब्जा कर सकता है
या देश में गृह युद्ध की स्थिति पैदा हो सकती है.