नई दिल्ली: Covid vaccine दुनिया की पहली DNA वैक्सीन Zycov D को भारत में मंजूरी मिल गई है.
दरअसल, कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है.
कोविड की पहली और दूसरी लहर ने भारत समेत दुनियाभर के देशों को बहुत नुकसान पहुंचाया है.
इस महामारी की तीसरी लहर की भी आशंका जताई जा रही है.
कोरोना से बचाव के लिए बच्चों के लिए वैक्सीन कब तक आएगी.
इस सवाल के जवाब का इंतजार देशभर के लोग कर रहे हैं.
Zydus Cadila द्वारा निर्मित Zycov D वैक्सीन को DCGI ने आज शुक्रवार को मंजूरी दी है.
वैक्सीन को इमर्जेंसी यूज ऑथोराइजेशन मिलने के बाद इसकी 0, 28 और 56 दिन पर तीनों डोज दी जा सकती हैं.
Covid vaccine पर अब तक का सबसे ट्रायल हुआ है, जिसमें करीब 28000 लोग शामिल हुए थे.
देश में 44 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है,
जबकि 12.5 करोड़ से ज्यादा लोग वैक्सीन की दोनों डोज लेकर इस महामारी से काफी हद तक सुरक्षित हो चुके हैं.
फिलहाल 18+ आयुवर्ग वाले लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है.
लेकिन बच्चों के लिए अबतक कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं हो पाई है.
सूत्रों की मानें तो बच्चों के लिए टीकाकरण मार्च 2022 से शुरू हो सकता है.
कहा जा रहा है कि इसी साल दिसंबर तक 18 वर्ष से कम उम्र वालों के लिए 3 से 4 वैक्सीन को अप्रूवल मिल सकता है.
टीओआई ने अधिकारिक सूत्रों के हवाले से लिखा है कि अगले साल मार्च से सरकार देश में बच्चों का वैक्सिनेशन शुरू कर सकती है.
कई अध्ययन ऐसे सामने आ चुके हैं, जिनमें कहा जा रहा है कि अगली लहर में बच्चों को ज्यादा खतरा है.
खास बात यह है कि ये इंजेक्शन मुक्त वैक्सीन है.
ये फार्मा जेट इंजेक्शन फ्री सिस्टम के द्वारा दिया जाता है. इसे 2 से 8 डिग्री पर स्टोर किया जा सकता है.
इससे पहले, covishield, कोवैक्सीन, स्पूतनिक, moderna और J and J को भारत में मंजूरी मिल चुकी है.
इस वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद 12 साल से ऊपर के बच्चों के कोविड वैक्सीनेशन के रास्ते भी खुल गए हैं.
Zydus ने इस वैक्सीन का निर्माण डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी के साथ मिलकर किया है.
भारत बायोटेक की कोवैक्सिन का ट्रायल चल रहा है. इस एज ग्रुप के लिए यह दुनिया की एकमात्र वैक्सीन है.
कहा जा रहा है कि यह वैक्सीन इस साल सितंबर तक आ सकती है.
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) द्वारा निर्मित नोवावैक्स कोविड-19 वैक्सीन को भी दिसंबर तक इमरजेंसी अप्रूवल मिल सकता है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार का लक्ष्य इस वर्ष के अंत तक 18+ वयस्क आबादी का टीकाकरण करना है.