लखनऊ : Kalyan Singh : दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे कल्याण सिंह अपने समर्थकों के बीच ‘बाबूजी’ के नाम से प्रसिद्ध थे.
राजनीति के शिखर पर पहुंचने के बावजूद उनके व्यवहार में कभी कोई बदलाव नहीं देखा गया.
वह एक अभिभावक की तरह पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच सहजता से उपलब्ध रहे.
किसी नेता या कार्यकर्ता को उनसे मुलाकात करने में किसी तरह की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ा.
अपने समर्थकों के सुख-दुख में वह बराबर शरीक होते रहे.
यही वजह है कि हर कोई उन्हें आत्मीयता के साथ ‘बाबूजी’ कहकर संबोधित करता था.
राम जन्मभूमि आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वालीं साध्वी ऋतंभरा ने कल्याण सिंह के निधन पर दुख जताया है.
उन्होंने कहा कि कल्याण सिंह को उनके चाहने वाले ‘बाबूजी’ अगर कहते थे तो उसके पीछे ठोस कारण है.
राजनीति में जब कोई नेता बहुत ऊंचे पद पर चला जाता है तो वह सबकी पहुंच में नहीं रहता है.
खास लोग ही उस तक पहुंच सकते हैं, पर कल्याण सिंह का स्वभाव एकदम जुदा था.
वह जीवनभर छोटे से छोटे कार्यकर्ता की पहुंच में रहे। हमेशा लोगों की समस्याओं का समाधान करते रहे.
उनकी यही विशेषता कार्यकर्ताओं के दिल में घर कर गई। कल्याण सिंह ‘बाबूजी’ थे और हमेशा रहेंगे.
Kalyan Singh : PM मोदी की तारीफ करने पर झेलनी पड़ी आलोचना
कल्याण सिंह का राजनीतिक सफर देखने पर पता चलता है.
कि वह हमेशा दोस्तों के दोस्त और दुश्मनों के दुश्मन बनकर रहे.
लोगों के लिए उनके मन में जो विचार आते थे, वह बेबाकी से उसे प्रकट कर देते थे.
राज्यपाल पद पर रहते हुए एक बार उन्होंने सार्वजनिक रूप से पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ की थी.
हालांकि, इसके लिए उन्हें विरोधी दलों की आलोचनओं का भी सामना करना पड़ा.
राजस्थान के राज्यपाल रहे Kalyan Singh का शनिवार को निधन हो गया.
बीते दो दिनों से लखनऊ के पीजीआई में भर्ती कल्याण सिंह की तबीयत काफी नाजुक बनी हुई थी.
अलग-अलग विभागों के विभागाध्यक्ष लगातार उनकी निगरानी रख रहे थे.
अस्पताल में पूर्व मुख्यमंत्री के परिवारजन भी मौजूद थे.
कल्याण सिंह के इलाज में दिल, गुर्दा, डायबिटीज, न्यूरो, यूरो, गैस्ट्रो
और क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग समेत 12 विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम लगातार निगरानी में लगी हुई थी.