Kamala Harris in Asia सिंगापुर पहुंचीं कमला हैरिस, फिर जाएंगी वियतनाम

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Kamala Harris in Asia

नई दिल्‍ली: Kamala Harris in Asia:अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस सिंगापुर की राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के साथ सोमवार को मुलाकात कर दक्षिणपूर्व एशिया की अपनी यात्रा का आरंभ किया.

यह यात्रा क्षेत्र में प्रमुख सहयोगियों के साथ संबंधों को मजबूत करने पर लक्षित है,

जो अफगानिस्तान (US Afghanistan) से अमेरिकी बलों की अफरा-तफरी भरी वापसी से जटिल हो गया है.

हैरिस सिंगापुर के बाद वियतनाम जाएंगी.

वियतनाम यात्रा का उद्देश्य क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने के लिए,

सिंगापुर और वियतनाम के साथ सहयोग बढ़ाना है.

वह इस दौरान आर्थिक और सुरक्षा संबंधी मुद्दों के साथ-साथ कोविड-19 वैश्विक महामारी (Covid-19 Pandemic) से निपटने के प्रयासों के संबंध में भी बात कर सकती हैं.

हैरिस ने राष्ट्रपति भवन, इस्ताना के बाहर एक स्वागत समारोह में हिस्सा लिया.

वहां वह अपने दिल पर हाथ रखे नजर आईं

और इस दौरान मार्चिंग बैंड ने अमेरिकी राष्ट्रगान ‘स्टार स्पैंगल्ड बैनर’ बजाया.

Kamala Harris in Asia ने सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग के साथ, बैंड का निरीक्षण किया.

इस दौरान लूंग ने उन्हें ‘आर्किड’ फूल की एक प्रजाति दिखाई, जिसका नामकरण उनके नाम पर किया गया है.

प्रधानमंत्री के साथ द्विपक्षीय बैठकों की एक श्रृंखला शुरू करने से पहले,

उपराष्ट्रपति ने सिंगापुर की राष्ट्रपति हलीमा याकूब से भी एक संक्षिप्त शिष्टाचार भेंट की.

उपराष्ट्रपति मुलाकात के बाद एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन भी करेंगी.

इसके बाद वह ‘चांगी नौसेना अड्डा’ जाएंगी, जहां वह एक लड़ाकू जहाज ‘यूएसएस टुल्सा’ पर सवार अमेरिकी नाविकों से बातचीत करेंगी.

हैरिस मंगलवार को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) के प्रशासन के दृष्टिकोण को रेखांकित करते हुए एक भाषण देंगी

और आपूर्ति श्रृंखला के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए व्यापार जगत के लोगों से मिलेंगी.

यह हैरिस की दूसरी विदेश यात्रा है. जून में वह ग्वाटेमाला और मैक्सिको की यात्रा पर गईं थी.

यह पहली बार होगा जब कोई अमेरिकी उपराष्ट्रपति वियतनाम की यात्रा पर जाएगा.

उनकी ये यात्रा ऐसे वक्त पर हो रही है, जब अफगानिस्तान मामले को लेकर अमेरिका की दुनियाभर में आलोचना हो रही है.

जो बाइडेन के सैनिकों की वापसी वाले फैसले को ही गलत बताया जा रहा है

क्योंकि इसके बाद ही अफगानिस्तान पर तालिबान ने कब्जा कर लिया है.

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