Tokyo : Tokyo Paralympics : आपने दिन बनते तो सुना होगा.
लेकिन अगर उसे देखना है तो Tokyo Paralympics में सोमवार को सुबह मिली भारत की कामयाबी को देखिए.
जन्माष्टमी के दिन टोक्यो में भारत का झंडा बुलंद दिखा.
निशानेबाजी से लेकर भाला चलाने तक में भारतीय पारा एथलीटों ने अपना परचम लहराया.
तिरंगे का मान इतना रखा कि अभी सिर्फ 6 दिन ही हुए हैं लेकिन भारत की झोली में 7 मेडल गिर चुके हैं.
इनमें 4 मेडल भारत ने सोमवार को सिर्फ 2 घंटे के अंतराल में खेले तीन खेलों में हासिल किए हैं.
भारत ने महिलाओं की निशानेबाजी में गोल्डन जीत दर्ज की.
पुरुषों के डिस्कस थ्रो इवेंट में सिल्वर मेडल जीता तो जैवलिन थ्रो में चांदी के साथ साथ कांसा भी अपने नाम किया.
यानी मेडल का वो हर रंग जो आप देखना चाहते हैं, वो भारत की झोली में नजर आया.
अब ऐसी कामयाबी पर तो हिंदुस्तान झूमेगा ही. जश्न मनाएगा ही. और ऐसा हो भी रहा है.
अवनि लेखरा के गोल्डन निशाने की कहानी
भारत की महिला निशानेबाज Avani Lekhara ने,
जिन्होंने 10 मीटर एयर स्टैंडिंग में पैरालिंपिक्स रिकॉर्ड बनाते हुए देश के लिए सुनहरी जीत दर्ज की.
अवनि लेखारा ने फाइनल में 249.6 पॉइंट हासिल किए, जो कि पैरालिंपिक्स खेलों के इतिहास का नया रिकॉर्ड है.
साथ ही ये वर्ल्ड रिकॉर्ड की बराबरी भी है. ये अवनि का पहला पैरालिंपिक्स था
और अपने पहले ही प्रयास में उन्होंने बता दिया कि वो यहां कोई अनुभव बटोरने नहीं बल्कि मेडल पर निशाना लगाने आईं है
और उन्होंने वही करते हुए देश का गौरव बढ़ाया.
योगेश ने ऐसे कराई भारत की चांदी
Yogesh Kathuniya ने पुरुषों के डिस्कस थ्रो इवेंट के फाइनल में
अपनी शानदार जीत से भारत की जय-जय करा दी.
योगेश काठुनिया ने F56 कैटेगरी में भारत के लिए सिल्वर जीता.
उन्होंने इस कामयाबी को हासिल करने के लिए अपना सीजन बेस्ट प्रदर्शन किया.
योगेश ने 44.38 मीटर की दूरी नापते हुए देश को टोक्यो पैरालिंपिक्स में सिल्वर दिलाया.
जैवलिन में दिखा डबल धमाल
सोमवार को भारत को एक चांदी और एक कांसा पुरुषों के जैवलिन थ्रो में मिला.
यहां देवेंद्र झाझड़िया ने 64.35 मीटर की दूरी तक भाला फेंकते हुए देश के लिए
सिल्वर मेडल जीता तो सुंदर सिंह गुर्जर ने 64.01 मीटर तक भाला फेंककर कांसा जीता.
मतलब रियो की तरह गोल्ड तो जैवलिन में भारत की झोली में टोक्यो में नहीं गिर सका.
पर डबल धमाल जरूर देखने को मिला.