नई दिल्ली : Taliban का सह-संस्थापक मुल्ला Abdul Ghani Baradar के हाथों में अफगानिस्तान की नई सरकार की कमान हो सकती है.
इस्लामिक ग्रुप में मौजूद सूत्रों ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी.
मुल्ला बरादर तालिबान के राजनीतिक कार्यालय का प्रमुख भी है.
तीन सूत्रों ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर के बेटे मुल्ला मोहम्मद याकूब
और शेर मोहम्मद अब्बास स्टानिकजई को भी सरकार में वरिष्ठ पद मिल सकता है.
मुल्ला बरादर को दक्षिणी पाकिस्तानी शहर कराची में सुरक्षा बलों ने 2010 में गिरफ्तार किया था
और उसे 2018 में रिहा किया गया.
नाम न छापने की शर्त पर तालिबान के एक अधिकारी ने बताया कि सभी वरिष्ठ नेता काबुल पहुंच गए हैं,
जहां नई सरकार का ऐलान करने की तैयारियां आखिरी चरण में हैं.
देश के अधिकतर हिस्से पर कब्जा जमाने के बाद 15 अगस्त को तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया.
Taliban को राजधानी के उत्तर में स्थित पंजशीर घाटी में नॉर्दर्न अलायंस से टक्कर मिल रही है,
जहां पर भारी गोलीबारी और नुकसान की खबर है.
यहां पर अहमद मसूद के नेतृत्व में यहां पर तालिबान से जंग लड़ी जा रही है.
अफगानिस्तान को लाखों डॉलर की मदद की जरूरत
अफगानिस्तान की स्थिति काफी खराब है, ऐसे में तालिबान की निगाहें अंतरराष्ट्रीय डोनर्स और निवेशकों पर टिकी हुई हैं.
अगर सरकार को दुनियाभर के देशों से मान्यता मिलती है तो इससे अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था सुधर सकती है.
मानवीय समूहों ने चेतावनी दी है कि अफगानिस्तान को लाखों डॉलर की सहायता की जरूरत है.
अगर ऐसा नहीं होता है तो अर्थव्यवस्था बुरी तरह ढह सकती है.
Taliban के कब्जे से पहले ही बहुत से अफगान अपने परिवारों को रोटी मुहैया कराने में संघर्ष कर रहे थे,
क्योंकि देश में सूखा पड़ा हुआ था. यही वजह है कि अब लाखों लोग भुखमरी की कगार पर हैं.
चीन से वित्तपोषण पर निर्भर करेगा Abdul Ghani Baradar
वहीं, अफगानिस्तान की स्थिति को देखते हुए चीन उसकी मदद कर सकता है.
तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा है
कि संगठन चीन को एक बेहद जरूरी सहयोगी मानता है
और मुख्य रूप से चीन से वित्तपोषण पर निर्भर होगा.
मुजाहिद ने कहा, चीन हमारे लिए एक मौलिक
और असाधारण अवसर का प्रतिनिधित्व करता है
क्योंकि वह हमारे देश में निवेश और पुनर्निर्माण के लिए तैयार है.
मुजाहिद ने यह भी कहा कि ‘वन बेल्ट वन रोड’ को तालिबान द्वारा उच्च सम्मान में रखा गया है.
देश में तांबे की खदानें हैं, जिन्हें चीन की मदद से फिर से शुरू किया जा सकता है.