प्रयागराज: Narendra Giri : प्रयागराज की बाघंबरी गद्दी और सियासत का पुराना नाता रहा है.
मुलायम सिंह यादव हों, अखिलेश यादव या फिर सीएम योगी आदित्यनाथ.
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी के संबंध सभी राजनेताओं से आत्माीय.
और मित्रवत थे। 17 साल पुराना एक किस्सा याद आता है.
मुख्यमंत्री थे मुलायम सिंह और नरेंद्र गिरी का एक आईपीएस अधिकारी से विवाद हो गया.
Narendra Giri से डीआईजी की हुई थी अनबन
2003 में मुलायम सिंह ने यूपी की सत्ता संभाली। इसी दौरान 2004 में इलाहाबाद (अब प्रयागराज) के डीआईजी थे आरएन सिंह.
बताया जाता है कि जमीन के एक मामले को लेकर उनके एक करीबी.
और महंत नरेंद्र गिरी में अनबन हो गई.
इस विवाद ने इतना तूल पकड़ा कि डीआईजी आरएन सिंह खुद हनुमान मंदिर के पास महावीर मार्ग पर धरना देने के लिए बैठ गए.
दरअसल मुलायम सिंह से संबंधों की वजह से स्थानीय पुलिस को भी कुछ सूझ नहीं रहा था.
एक तरफ महकमे का आला अफसर था और दूसरी ओर महंत जिनकी मुख्यमंत्री से सीधी बातचीत थी.
नरेंद्र गिरी और आईपीएस आरएन सिंह के इस मामले को लेकर तत्कालीन मुलायम सरकार की किरकिरी भी हुई थी.
डीआईजी आरएन सिंह धरने से उठने को तैयार नहीं थे.
एसएसपी से लेकर कई आला अधिकारी उनकी मान-मनौवल करने आए लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला.
बताया जाता है कि इसके बाद नरेंद्र गिरी ने मामला मुलायम सिंह के पास पहुंचा दिया.
उस वक्त मुलायम सिंह ने नरेंद्र गिरी का पक्ष लेते हुए डीआईजी आरएन सिंह को सस्पेंड कर दिया था.
सत्ता के गलियारों में इस घटना की काफी चर्चा हुई थी.