नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के नेता और सांसद Varun Gandhi ने वो वायरल वीडियो शेयर किया है,
जिसे कथित रूप से लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Viral Video) का बताया जा रहा है.
इसके साथ ही उन्होंने ट्वीट कर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की.
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में एक प्रदर्शन के दौरान एक गाड़ी ने कुछ किसानों को कुचल दिया था,
इसमें चार किसानों की मौत हुई थी, जिसके बाद वहां हिंसा हुई थी और इसमें कुछ और लोगों की मौत हो गई थी.
एक वायरल वीडियो सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है
कि किसानों के एक प्रदर्शन के दौरान एक बड़ी गाड़ी को पीछे से आकर उनको रौंदते हुए निकल जाती है.
इस वीडियो को कई नेताओं ने शेयर किया है.
मंगलवार को पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी ने भी इस वीडियो को शेयर कर
Varun Gandhi : ‘लखीमपुर खीरी में किसानों को गाड़ियों से जानबूझकर कुचलने का यह वीडियो किसी की भी आत्मा को झकझोर देगा.
पुलिस इस वीडियो का संज्ञान लेकर इन गाड़ियों के मालिकों, इनमें बैठे लोगों,
और इस प्रकरण में संलिप्त अन्य व्यक्तियों को चिन्हित कर तत्काल गिरफ्तार करे.’
बता दें कि इस हिंसा की घटना में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.
मामले में केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा पर मर्डर का केस दर्ज हुआ है,
लेकिन मिश्रा ने घटनास्थल पर होने से ही इनकार कर दिया है.
घटनाक्रम में शामिल किसानों का कहना है कि हिंसा की घटना तब शुरू हुई,
जब कार ने प्रदर्शनकारियों को रौंद दिया.
यह पूरा घटनाक्रम सियासी हो चुका है. अधिकतर विपक्षी पार्टियों ने इस घटना की निंदा की है
और योगी सरकार पर हमले किए हैं.
और शायद वरुण गांधी ऐसे अकेले बीजेपी नेता हैं,
जिन्होंने इस घटना पर गंभीर चिंता जताई है
और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की है.
वरुण ने एक अन्य ट्वीट में घटना में मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि देते हुए सख्त कार्रवाई करने का निवेदन किया था.
उन्होंने कहा कि ‘लखीमपुर खीरी की हृदय-विदारक घटना में शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.
इस प्रकरण में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी से सख्त कार्यवाही करने का निवेदन करता हूं.’
कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी रविवार की रात को ही लखीमपुर जाने की कोशिश कर रही थीं,
लेकिन उन्हें वहां जाने से रोक दिया गया और हिरासत में ले लिया गया,
तबसे वो सीतापुर पुलिस लाइन में हिरासत में ही हैं.
उनके अलावा कई अन्य विपक्षी नेता किसानों से मिलने जा रहे थे, जिन्हें रोक दिया गया.