AstraZeneca Vaccine: Russian spies ने कोरोना वायरस (Coronavirus) से लड़ने के लिए तैयार की गई वैक्सीन के फॉर्मूला को चुरा लिया.
इसके बाद इस फॉर्मूला के जरिए रूस ने अपनी स्पुतनिक वी वैक्सीन बनाया.
इस वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी (Oxford University) के साथ मिलकर बनाया गया था.
ब्रिटिश अखबार द सन ने यह दावा किया है.
अखबार ने सिक्योरिटी सर्विस का हवाला देते हुए कहा कि उनके पास इस बात के सबूत हैं
कि रूसी जासूसों ने कोविड-19 वैक्सीन के ब्लूप्रिंट सहित ड्रग कंपनी के महत्वपूर्ण डाटा को चुरा लिया.
अखबार की रिपोर्ट के मुताकि, इस डाटा के जरिए स्पुतनिक वी को तैयार किया गया.
इसने यह भी बताया कि ब्लूप्रिंट और महत्वपूर्ण जानकारी एक विदेशी एजेंट द्वारा व्यक्तिगत रूप से चुराई गई थी.
दरअसल, रूस की स्पुतनिक वी वैक्सीन ऑक्सफोर्ड द्वारा डिजाइन की गई
वैक्सीन के समान तकनीक का उपयोग करती है.
भारत में इस वैक्सीन को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) तैयार कर रही है
और केंद्र सरकार द्वारा वैक्सीनेशन के लिए इसका इस्तेमाल किया जा रहा है.
यूनाइटेड किंगडम के सुरक्षा मंत्री डेमियन हिंड्स ने इस रिपोर्ट को वेरिफाई नहीं किया.
लेकिन उन्होंने कहा कि साइबर हमले अधिक कुशल होते जा रहे हैं.
डेमियन हिंड्स से एलबीसी रेडियो पर द सन में छपी इस रिपोर्ट को लेकर पूछा गया
कि क्या ब्रिटिश सुरक्षा प्रमुखों का मानना है
कि रूस ने ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का फॉर्मुला चुराया है.
AstraZeneca Vaccine : इस पर उन्होंने कहा, ‘मैं विशेष रूप से इस मामले पर टिप्पणी नहीं कर सकता हूं.
जो संवेदनशील जानकारियों को अपने पास रखना चाहते हैं.
इसमें कमर्शियल सीक्रेट, साइंटिफिक सीक्रेट और बौद्धिक संपदा शामिल है.
वे लगातार इसे चुराने में लगे हुए हैं.
साइबर स्पेस में होने वाली चीजें काफी अलग तरीके से होती हैं.
इसलिए हमें सतर्क रहने की जरूरत है.’
हिंड्स ने कहा, ‘मुझे दुख के साथ ये कहना पड़ रहा है कि हम एक ऐसी दुनिया में रहते हैं.
जहां कई मुल्क औद्योगिक जासूसी और आर्थिक जासूसी में शामिल हैं.
यहां तक कि साइबर हमले तक किए जाते हैं.
’ द सन ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि पिछले साल जासूसों ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) की ओर उंगली उठाते हु,
ए कहा कि वे 95 फीसदी तक मानते हैं कि रूस के हैकर्स ने ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडाई निकायों द्वारा तैयार की जा रही वैक्सीन के फॉर्मूले को टारगेट किया.
पिछले हफ्ते विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा कि वह डोजियर के साथ समस्याओं
के बाद स्पुतनिक वी को मंजूरी देने की प्रक्रिया को फिर से शुरू करने वाला है.