नई दिल्ली: NHRC अध्यक्ष जस्टिस (रिटायर्ड) अरुण कुमार मिश्रा ने आतंकियों को स्वतंत्रता सेनानी बताने वालों को फटकार लगाई है.
उनका कहना है कि आतंकियों को स्वतंत्रता सेनानी नहीं कह सकते.
उनका कहना है कि मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को आतंकी घटनाओं की निंदा करनी चाहिए.
दरअसल, मंगलवार को NHRC का 28वां स्थापना दिवस है
NHRC की स्थापना मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 के तहत आज ही के दिन यानी 12 अक्टूबर 1993 को हुई थी.
इस कार्यक्रम की शुरुआत में आयोग के अध्यक्ष जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा ने कहा कि आतंकियों को स्वतंत्रता सेनानी नहीं कहा जा सकता.
‘केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में नए युग की शुरुआत की है.’
देश के मानवाधिकार आयोग के प्रमुख अरुण मिश्रा (Arun Mishra) ने मंगलवार को यह बात कही.
पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह,
दोनों के संबोधन वाले कार्यक्रम में जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि विदेशी ताकतों द्वारा भारत पर मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाना चलन बन गया है.
NHRC के 28 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में जस्टिस मिश्रा ने कहा,
‘ इसका श्रेय आपको है मिस्टर शाह कि जम्मू कश्मीर में नए युग की शुरुआत हुई है.’
उन्होंने यह भी कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय ताकतों की ओर से भारत पर मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाना,
अब मानो चलन बनता जा रहा है.
इसके तुरंत बाद पीएम मोदी ने भी मानवाधिकार को लेकर ‘सिलेक्टिव’ सोच रखने वालों को कठघरे में खड़ा किया.
पीएम ने मानवाधिकार को राजनीतिक फायदे और नुकसान की दृष्टि से देखने वालों पर निशाना साधा.
उन्होंने कहा कि ऐसा करके वो लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाते हैं.
पीएम मोदी ने कहा, “कुछ लोग कुछ घटनाओं में मानवाधिकार उल्लंघन को देखते हैं,
लेकिन वैसी ही अन्य घटनाओं में इस मुद्दे को नजरअंदाज करते हैं.
मानवाधिकारों का उल्लंघन तब होता है, जब उसे राजनीतिक चश्मे से देखा जाता है.
ऐसे चुनिंदा और भेदभावपूर्ण रवैया लोकतंत्र के लिए नुकसानदेह है.”
सुप्रीम कोर्ट के पूर्वन्यायाधीश अरुण मिश्रा ने जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 खत्म करने,
और इसे दो केंद्र शासित राज्यों में बांटने के केंद्र सरकार के कदमों के संदर्भ में अमित शाह को इसका श्रेय दिया.
गृह मंत्री के तौर पर शाह ने संसद में यह बिल पेश किया था.
सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा को इसी साल जून माह में,
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के नया प्रमुख बनाया गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली समिति ने उनके नाम को मंजूरी दी थी.
सुप्रीम कोर्ट का जज रहते हुए पीएम मोदीकी तारीफ करने को लेकर भी जस्टिस मिश्रा चर्चा में आए थे.