Jamnagar : Rafale : चीन के साथ चल रहे सैन्य गतिरोध के बीच भारतीय वायु सेना (IAF) को और मजबूती मिलने जा रही है.
तीन और राफेल लड़ाकू विमानों की खेप फ्रांस से बिना रुके बुधवार यानी आज गुजरात के जामनगर में लैंड करेंगे.
तीन नए फाइटर जेट राफेल की संख्या को कुल 36 में से 29 तक बढ़ा देंगे,
जिसे भारत ने 2016 में 60,000 करोड़ रुपये के सौदे के हिस्से के रूप में ऑर्डर किया था.
सरकारी सूत्रों ने बताया कि वह जामनगर हवाई अड्डे पर उतरेंगे.
इस महीने की शुरुआत में एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी के वायु सेना प्रमुख के रूप में पदभार संभालने के बाद से ये राफेल फ्रांस से आने वाले पहले हैं.
फ्रांस से आने वाले विमानों को अंबाला में गोल्डन एरो स्क्वाड्रन
और पश्चिम बंगाल के हाशिमारा में 101 स्क्वाड्रन के बीच वितरित किया जाएगा.
Rafale : कुल 36 विमानों का हुआ है समझोता
केंद्र ने लगभग 58,000 करोड़ रुपये की लागत से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए सितंबर
2016 में फ्रांस के साथ एक अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.
पांच राफेल विमानों की पहली खेप पिछले साल 29 जुलाई को भारत पहुंची थी.
अगले तीन राफेल जेट दिसंबर की पहली छमाही तक भारत पहुंचने के लिए तैयार हैं
और वे 26 जनवरी तक परिचालन स्क्वाड्रन में शामिल हो जाएंगे.
योजना के अनुसार 36 वें और अंतिम राफेल में विशेष संवर्द्धन शामिल होंगे जो इसे
और अधिक घातक और काबिल बना देंगे.
2022 तक पहुंच जाएंगे सभी लड़ाकू विमान
भारतीय वायुसेना के अंबाला स्थित गोल्डन एरो स्क्वाड्रन ने जुलाई, 2020
और जनवरी, 2021 के बीच 11 राफेल लड़ाकू विमानों को पहले ही वायुसेना में शामिल कर लिया गया है.
इन्हें लद्दाख सीमा पर तैनात किया गया है.
बता दें कि मई 2020 की शुरुआत से ही चीन के साथ सीमा गतिरोध के बाद सेना हाई अलर्ट पर है.
भारत में फ्रांसीसी दूत इमैनुअल लेनिन ने कहा था
कि कोरोना के बावजूद 2022 तक तय समय में सारे लड़ाकू विमान भारत को सौंप दिए जाएंगे.