Former PM Dr. Manmohan Singh को इलाज के बाद रविवार शाम AIIMS दिल्ली से डिस्चार्ज कर दिया गया. 13 अक्टूबर को अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
मनमोहन सिंह को एम्स के कार्डियो-न्यूरो केंद्र के निजी वार्ड में भर्ती कराया गया था
और वह डॉ नीतीश नाइक के नेतृत्व में ह्रदय रोग विशेषज्ञों की टीम की देख-रेख में थे.
मनमोहन सिंह को बुखार आने के बाद कमजोरी महसूस हुई थी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था.
भर्ती होने के एक दिन बाद ही एम्स के एक अधिकारी ने बताया था कि पूर्व प्रधानमंत्री की हालत स्थिर है
और सेहत में सुधार हो रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर मनमोहन सिंह के अच्छे स्वास्थ्य और जल्द ठीक होने की प्रार्थना की थी.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने भी एम्स जाकर Former PM Dr. Manmohan Singh की सेहत का हाल लिया था.
उनसे मुलाकात के बाद मंडाविया ने ट्वीट कर कहा था
कि उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से एम्स में मुलाकात की और उनकी सेहत का हाल जाना और
उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की.
इसके बाद कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने एम्स में भर्ती मनमोहन सिंह से मुलाकात के बाद उनकी तस्वीर साझा करके हर नैतिक मूल्य
और देश के पूर्व प्रधानमंत्री की निजता का हनन किया है.
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा था, “भाजपाइयों के लिए हर चीज़ ‘फ़ोटो ऑप’ है.
शर्म आनी चाहिए देश के स्वास्थ्य मंत्री को,
जिन्होंने एम्स में भर्ती पिता तुल्य पूर्व प्रधानमंत्री से मुलाक़ात को पी.आर स्टंट बनाया.
यह हर नैतिक मूल्य का उलंघन है, पूर्व प्रधानमंत्री की निजता का हनन है, स्थापित परम्पराओं का अपमान है. माफ़ी मांगें.”
अप्रैल में कोविड-19 से हुए थे संक्रमित
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान संक्रमित भी हुए थे.
पूर्व प्रधानमंत्री 19 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव पाए जाने गए थे.
जिसके बाद उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था. 89 साल के मनमोहन सिंह कोरोना की जंग जीतने में कामयाब रहे थे.
मनमोहन सिंह फिलहाल राजस्थान से राज्यसभा सदस्य हैं.
वो 2004 से 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे.
साल 2009 में एम्स में उनकी बाईपास सर्जरी हुई थी.