लखनऊ: Zika Virus के मामले कानपुर में सामने आने के बाद सरकार पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है.
जैसे ही राज्य में जीका वायरस के पहले मामले की पुष्टि हुई सीएम योगी ने स्वास्थ्य विभाग को जरूरी दिशा-निर्देश जारी कर दिए.
सीएम ने बड़े लेवल पर सर्विलांस कार्यक्रम के निर्देश पहले ही दे दिए थे.
अब स्वास्थ्य विभाग की टीमों घर-घर जाकर फॉगिंग, जांच, इंडोर स्प्के समेत तमाम काम कर रही हैं.
पानी से होने वाली बीमारियों पर लगाम कसने के लिए यूपी सरकार जमीनी स्तर पर कोशिशों में जुटी हुई है.
जिससे इस तरह की बीमारियों से बचाव किया जा सके.
Zika Virus के मामले सामने आने के बाद से ही कानपुर जिले में अब तक 39,897 घटों में डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों को जागरुक किया जा चुका है.
जीका वायरस के खतरे को देखते हुए सरकार अलर्ड मोड पर आ गई है.
कानपुर में जीका वायरस के मामलों पर सीएम योगी ने आज बैठक की.
इस बैठक में आला अधिकारियों को इस बीमारी के इलाज और बचाव के संबंध में सभी तैयारियां सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए.
बता दें कि यूपी में जीका वायरस का पहला मामला 22 अक्टूबर को सामने आया था.
इसके बाद 30 अक्टूबर को 3 और 31 अक्टूबर यानी कि आज 6 मरीजों की पुष्टि हुई है.
यूपी में अब तक जीका वायरस के 10 मामलों की पुष्टि हो चुकी है.
हैरानी की बात ये है कि सभी मामले कानपुर के हैं.
इसके बाद जांच के सैपल्स लखनऊ के केजीएमयू में भेजे जा रहे हैं.
इसके साथ ही सरकार पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है. बड़े स्तर पर कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग की जा रही है.
बात दें कि अब तक 645 सैपल्स की जांच में 10 मामले जीका वायरस के सामने आए हैं.
लखनऊ के केजीएमयू में अब तक 645 सैपल्स जांच के लिए भेजे जा चुके हैं.
इनमें 253 सैंपल्स में बुखार पीड़ितों और 103 सैपल्स प्रेग्नेंट महिलाों के भेजे गए हैं.
इसके अलावा बाकी के सैंपल्स सर्विलांस रणनीति के तहत लिए गए हैं.
केजीएमयू में 507 सैंपल्स की जांच में 9 में जीका वायरस की पुष्टि हुई है.
वहीं 1 मरीज पुणे एनआईवी की जांच में सामने आया है. ये सभी मरीज कानपुर जिले में सामने आए हैं.
जीका वायरस के 10 मामलों की पुष्टि के बाद सरकार पूरी तरह से अलर्ट हो गई है.
सीएम योगी ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और संबंधित विभागों को डेंगू और पानी से होने वाली बीमारियों को देखते हुए साफ सफाई के निर्देश जारी किए हैं.
साथ ही मेडिकल सुविधाएं मुहैया कराने के भी निर्देश दिए गए हैं.
स्वास्थ्य विभाग की तरफ से गांव और शहरी इलाकों में बड़े स्तर पर सर्विलांस कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं.
इस कार्यक्रम के तहत घर-घर जाकर बुखार पीड़ितों और जीका वायरस वाले मरीजों की पहचान की जा रही है.
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि बुखार, शरीर में दर्द, रैशेज जीका वायरस के मुख्य लक्षण हैं.
बीमारी गंभीर होने की दशा में मायोकार्डिटिस, रिनल फेलियर और न्यूरोलॉजिकल लक्षण भी मरीज में आ सकते हैं.