दिल्ली : राजधानी दिल्ली में Dengue के बढ़ते मामलों के बीच कई अस्पतालों में डेंगू के मरीजों के लिए सिंगल डोनर प्लेटलेट्स कि किल्लत हो रही है.
ऐसे में आईसीयू में भर्ती गम्भीर मरीजों के परिजनों को दूसरे अस्पतालों में एसडीपी के लिए चक्कर लगाने पड़ रहे हैं.
इससे उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
दिल्ली के लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में डेंगू के 35 गम्भीर मरीज भर्ती हैं.
इनमें 13 बच्चे भी हैं.
अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि कई मरीजों की प्लेटलेट्स जल्दी गिर रही है.
यहां 7 हजार से लेकर 12 हजार तक प्लेटलेट्स वाले मरीजों के परिजन ब्लड बैंक में लाइन में लगे हुए है
इसी प्रकार कई निजी अस्पतालों में भी मरीज लाइनों में लगकर प्लेटलेट्स मिलने का इंतजार कर रहे हैं.
प्लेटलेट्स की कमी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जिन अस्पतालों के बल्ड बैंक में प्लेटलेट्स नहीं है
.वहां के मरीज बड़े अस्पताल जा रहे हैं तो उन्हें कई घंटों की वेटिंग मिल रही है.
दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल से एक निजी अस्पताल के ब्लड बैंक गए मरीज के परिजन ने बताया कि यहां के बल्ड बैंक में 5 से 20 मरीज लाइन में हैं,
लेकिन अस्पताल में एक ही मशीन है
जिससे एक व्यक्ति के लिए करीब 4 से 5 घण्टे में एसडीपी मिलते है.
कई लोगों की लाइन में होने की वजह से पूरा दिन ही लग जाता है.
Dengue के मरीज के लिए दो प्रकार के प्लेटलेट्स का होता है इस्तेमाल
डॉक्टरों के मुताबिक, मरीज को दो तरह से प्लेटलेट्स चढ़ाई जाती हैं.
एक सिंगल डोनर प्लेटलेट्स (एसडीपी) होता है.
इसमें एक मशीन के माध्यम से व्यक्ति का रक्त लिया जाता है
और उसमें से प्लेटलेट्स निकाल ली जाती है.
दूसरा तरीका आरडीपी होता है, इसे छोटा पाउच कहा जाता है.
इसके लिए किसी डोनर की जरूरत नहीं होती है.
इसमें ब्लड बैंक में मौजूद रक्त से प्लेटलेट्स निकाले जाते हैं.
20 हजार से कम होने पर होती है प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत
डॉक्टरों का कहना है कि 20 हजार तक प्लेटलेट्स होने पर घबराना नहीं चाहिए.
जिन मरीजों की प्लेटलेट्स 20 हजार से कम है और नाक, मुंह से रक्त आ रहा है तभी जंबो पैक चढ़ाया जाता है.
अधिकांश लोग 60-70 हजार प्लेटलेट्स पर भी जंबो पैक की मांग कर रहे हैं जो गलत है