दिल्ली :Varun Gandhi पीलीभीत से लोकसभा सांसद पार्टी नेतृत्व से नाराज चल रहे हैं .
Varun Gandhi तृणमूल कांग्रेस (TMC) में शामिल होने की चर्चा जोरों पर है.
बताया जा रहा है कि वह टीएमसी नेतृत्व के संपर्क में हैं
और अगले हफ्ते टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी के दिल्ली दौरे के दौरान बातचीत आगे बढ़ सकती है.
वहीं आज वरूण गांधी ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के केन्द्र सरकार के फैसले पर भी सवाल उठाए हैं
और उन्होंने पीएम नरेन्द्र मोदी को पत्र भी लिखा है.
दरअसल, वरूण गांधी पिछले काफी समय से बीजेपी केन्द्रीय नेतृत्व से नाराज चल रहे हैं
अकसर वह अपने बयानों से बीजेपी और बीजेपी की केन्द्र और राज्य सरकार पर निशाना साध रहे हैं.
वरूण गांधी की नाराजगी की सबसे बड़ी वजह केन्द्र सरकार के कैबिनेट विस्तार में जगह न मिलना बताया जा रहा है.
पिछले दिनों ही बीजेपी के कार्यकारिणी से वरूण गांधी और उनकी मां मेनका गांधी को बाहर का रास्ता दिखाया गया था.
इसके बाद से ही वरूण गांधी के तेवर और ज्यादा सख्त हुए हैं.
उन्होंने पिछले दिनों ही कई बार राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार को लखीमपुर हिंसा को लेकर कठघरे में खड़ा किया था.
वहीं पिछले दिनों ही वरूण गांधी महात्मा गांधी की जयंती पर गोडसे बनाम गांधी के मुद्दे पर,
सोशल मीडिया में चले ट्रेंड को लेकर काफी आक्रामक हुए थे.
असल में पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस पूरे देश में कांग्रेस का विकल्प बनने की तैयारी में है
और वह लगातार अपना विस्तार हिंदी भाषी और अन्य राज्यों में कर रही है.
चर्चा है कि अगले सप्ताह ममता बनर्जी दिल्ली के दौरे पर आ रही हैं
इस दौरान वरूण गांधी की टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी से मुलाकात हो सकती है.
टीएमसी भी यूपी में एक ऐसे नेता की तलाश में है, जो राज्य में स्थापित हो और जिस पर दांव खेला जा सके.
राज्य में टीएमसी कांग्रेस में सेंध लगा चुकी है
और बनारस के कांग्रेस के बड़े नेता ललितेश त्रिपाठी हाल ही में टीएमसी में शामिल हुए हैं.
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि वरूण गांधी बीजेपी को छोड़ने पर विचार कर रहे हैं और वह टीएमसी नेतृत्व के संपर्क में हैं.
वहीं, यूपी में वरूण गांधी को लेकर एक और चर्चा जोरों पर हैं.
Varun Gandhi की कांग्रेस महासचिव और यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी से एक मुलाकात हो चुकी है और ये मुलाकात लंच या डिनर में हुई है.
लेकिन इस मुलाकात के बाद अभी तक कोई परिणाम सामने नहीं दिख रहा है.
बीजेपी के एक नेता का कहना है कि उनकी मुलाकात को लेकर चर्चा है
और वरूण गांधी अगर पार्टी छोड़ते हैं तो कांग्रेस का दामन थामेंगे.
क्योंकि टीएमसी में उनके लिए ज्यादा विकल्प नहीं हैं.
क्योंकि हिंदी भाषी राज्यों में टीएमसी को पकड़ बनाने में समय लगेगा.