नई दिल्ली : Thee Agricultural laws को रद्द करने वाले बिल पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने हस्ताक्षर कर दिए हैं.
गौरतलब है कि संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को लोकसभा और राज्यसभा ने कृषि कानून को वापस लेने वाले बिल को मंजूरी दी थी.
सोमवार को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने Thee Agricultural laws को निरस्त करने संबंधी कृषि विधि निरसन विधेयक 2021 लोकसभा में पेश किया था.
इसके फौरन बाद कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने विधेयक पर चर्चा कराने की मांग शुरू कर दी थी.
हालांकि अध्यक्ष ने कहा कि सदन में व्यवस्था नहीं है.
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि आज सदन में नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.
Thee Agricultural laws बिल को चर्चा एवं पारित होने के लिये रखे जाने की बात कही गई लेकिन इस पर सरकार चर्चा क्यों नहीं करना चाहती है?
कई अन्य विपक्षी सदस्यों को भी कुछ कहते देखा गया लेकिन शोर शराबे में उनकी बात नहीं सुनी जा सकीं.
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा था कि सदन में व्यवस्था नहीं है और इस हालात में चर्चा कैसे करायी जा सकती है?
आप (विपक्षी सदस्य) व्यवस्था बनाये तब चर्चा करायी जा सकती है.
इसके बाद सदन ने शोर शराबे में भी ही बिना चर्चा के Farm laws repeal bill 2021 को मंजूरी दे दी थी.
सोमवार को ही राज्यसभा ने भी बिना चर्चा के कृषि कानून वापसी बिल को मंजूरी दे दी थी.
पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रकाश पर्व के मौके पर देश के नाम अपने संबोधन में तीनों कृषि कानूनों (Farm Laws)को वापस लेने का ऐलान किया था.
शुक्रवार को गुरु पर्व पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा था कि हम किसानों को आश्वस्त करने में सफल नहीं हो पा रहे.
किसानों का एक वर्ग ही कानूनों का विरोध कर रहा,
लेकिन हम उन्हें शिक्षित करने और जानकारी देने का प्रयास करते रहे.
हमने किसानों को समझाने का पूरा प्रयास किया.
हम कानूनों में संशोधन करने, यहां तक कि उन्हें सस्पेंड करने के लिए तैयार थे .
मामला अब सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंच गया.
हम किसानों को समझा नहीं सके. यह किसी पर आरोप लगाने का समय नहीं है.
मैं सबसे कहना चाहता हूं कि हमने कृषि कानूनों को वापस ले लिए. हम कृषि कानूनों को रद्द कर रहे हैं.