नई दिल्ली : Former CM Harish Rawat ने कांग्रेस पार्टी के आलाकमान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने लगातार तीन ट्वीट कर पार्टी नेतृत्व पर निशाना साधा है.
Former CM Harish Rawat ने अपने ट्विटर पर लिखा है कि जिस समुद्र में तैरना है, सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं.
जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं.
उन्होंने कहा कि अब लग रहा है कि समय आ गया है.
उनकी ये बातें कई सियासी मायनों से भरी हुई नजर आती हैं.
अब हरीश रावत के राजनीतिक भविष्य को लेकर अटकलें भी तेज हो गई हैं.
कयास लगाए जा रहे हैं कि वो जल्द ही कांग्रेस का ‘हाथ’ छोड़ सकते हैं.
अगर ऐसा करते हैं तो उत्तराखंड में कांग्रेस को आगामी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बड़ा झटका लग सकता है.
Representatives of those who have ordered to swim, are tying up my hands & legs. Thought had been occurring to me that it’s enough now, you’ve swam enough and now it is time to rest. I am in a dilemma, perhaps new year will show me a path: Uttarakhand Congress leader Harish Rawat pic.twitter.com/OisXPMUfF5
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 22, 2021
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, ‘है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है,
सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है.’
उन्होंने आगे लिखा, ‘जिस समुद्र में तैरना है, सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं.
जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं.
मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि हरीश_रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिये, अब विश्राम का समय है!
फिर चुपके से मन के एक कोने से आवाज उठ रही है “न दैन्यं न पलायनम्” बड़ी उपापोह की स्थिति में हूं,
नया वर्ष शायद रास्ता दिखा दे.
मुझे विश्वास है कि #भगवान_केदारनाथ जी इस स्थिति में मेरा मार्गदर्शन करेंगे.
कांग्रेस हाईकमान ने हरीश रावत को उत्तराखंड चुनाव प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाया है.
उनके करीबी माने जाने वाले गोदियाल को प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कमान भी सौंपी है.
इसके बावजूद वो पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े कर रहे हैं.
उनके इन बयानों को सियासी गलियारों में अलग-अलग तरीके से देखा जा रहा है.
कुछ लोग उनकी बातों को रिटायरमेंट से जोड़कर देख रहे हैं,
वहीं कुछ इसे उनका बगावती तेवर बता रहे हैं.
गले कुछ ही महीनों में उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.
ऐसे में हरीश रावत की ये बातें कांग्रेस के लिए परेशानी का सबब बन सकती हैं.