UP Election : उखाड़ी जाती सरकारी होर्डिंग, सड़क पर DM

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लखनऊ : UP Election  : लखनऊ की इस सड़क पर अब तक चलने वाले निजाम से पावर अब इलेक्शन कमीशन के हवाले हो गई है.

हाथ में कैचियां, चाकू, कुछ और औजार और सामान लिए लोग सीढ़ी लगाते एक होर्डिंग के फ्रेम पर चढ़ते हैं.

ये होर्डिंग सरकार की उपलब्धि गिनाने वाली थी, कुछ देर में इसे उतार दिया जाता है.

लखनऊ में ऐसी तमाम होर्डिंग्स को उतारा जाने लगा है.

अब बस वही पोस्टर, बैनर और होर्डिंग लगेंगे जिनकी या तो अनुमति रिटर्निंग ऑफिसर से ली जाएगी या फिर जिनका किसी राजनीतिक दल से लेना देना ना हो.

इस बात की तस्दीक करने के लिए अब लखनऊ के जिला निर्वाचन अधिकारी यानि कलेक्टर अभिषेक प्रकाश भी सड़क पर उतर गए हैं.

UP Election : पहला विधानसभा चुनाव जिसमें कोरोना का खतरा भी

आदर्श चुनाव संहिता के तहत प्रदेश में अब चुनाव आयोग के जिम्मे पूरी ब्यूरोक्रेसी और प्रशासन हो गए हैं.

अफसरों के तबादले से लेकर सबकुछ अब आयोग के जिम्मे है और अब इसका असर लखनऊ में दिख रहा है.

अमूमन सरकारी होर्डिंग्स को बचाते अफसर अब पूरे रौ में इसे उतार रहे हैं.

यही हाल एसपी, बीएसपी और कांग्रेस की होर्डिंग्स का भी है.

यही हाल विधानसभा के सामने लगी होर्डिंग्स का भी बताया गया तो हमने गाड़ी उधर मोड़ ली.

विधान भवन के गेट नंबर 7 के बाहर लगी एक होर्डिंग ऐसे ही उतार दी गई है.

हजरतगंज के लेकर बर्लिंग्टन क्रॉसिंग के आसपास भी ऐसा ही

सड़क की एक दुकान पर चर्चा हो रही है, कोरोना का खतरा हुआ तो चुनाव होगा कैसे.

हालांकि इस दुकान पर खड़े किसी भी शख्स ने मास्क नहीं लगाया है.

UP Election : ‘चुनाव टल जाता तो थोड़ा वक्त और मिल जाता’

बारिश से भींगती विधानसभा के सामने मीडिया के कैमरों का जमावड़ा है.

लोकभवन से लगते फुटपाथ पर टेंट्स के अंदर कुछ मीडिया वाले खड़े हैं.

लाइव टेलिकास्ट के बीच बीजेपी के कार्यालय से निकले कुछ लोग कहते सुनाई देते हैं,

चुनाव टला नहीं ठीक ही हुआ.

टल जाता तो थोड़ा और समय मिलता, लेकिन माहौल पक्ष में है.

इस फुटपाथ पर खड़े एक राष्ट्रीय टीवी चैनल के कैमरामैन ने इन्हें सुनकर कहा,

लगता है बीजेपी चाहती थी कि चुनाव टल जाए.

पीछे खड़े उसके रिपोर्टर दोस्त ने धीरे से जवाब दिया,

कोई नहीं चाहता चुनाव टले। खैर आचार संहिता लग ही गई है, अब प्रशासन आजाद है.

लेकिन दिलचस्प है कि इस बार आचार संहिता लगने से पहले ब्यूरोक्रेसी के बड़े पैमाने पर ट्रांसफर्स नहीं हुए

लखनऊ का डीएम भी इस बार आचार संहिता से पहले नहीं बदला.

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