चंडीगढ़: AAP ने पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए सांसद भगवंत मान (Bhagwant Mann) को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया है.
भगवंत मान (Bhagwant Mann) पर शराब पीकर संसद पहुंचने का आरोप लग चुका है.
इस विवाद के चलते साल 2019 में भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने आम आदमी पार्टी की जनसभा में शपथ ली थी कि वह फिर कभी शराब नहीं पीएंगे.
उनको लेकर शराब की चर्चा एक बार फिर जोरों पर है.
एक समाचार को दिए इंटरव्यू से उनसे जब शराब पर सवाल पूछा गया
तो उन्होंने कहा कि मैं खून तो नहीं पीता था पंजाबियों का.
भगवंत मान आम आदमी पार्टी के एकमात्र लोकसभा सांसद हैं, जो पंजाब से चुने गए हैं.
2014 का लोकसभा चुनाव भी भगवंत मान ने जीता था और
उसके बाद दूसरी बार भी भगवंत मान लोकसभा चुनाव जीतने में सफल रहे.
‘मैं दो बार जनता का विश्वास जीत चुका हूं’
एक चैनल के साथ बातचीत के दौरान जब भगवंत मान से पूछा गया गया कि आप आपका नाम घोषित करना चाहती थी,
लेकिन विरोधी दल जो आपके ऊपर शराब पीने का आरोप लगाते रहते हैं, इस वजह से पार्टी में घबराहट थी.
इस सवाल के जवाब में मान ने कहा- मैं दो बार जनता का विश्वास जीत चुका हूं.
कांग्रेस का जो सीएम है उसका कैसा वीडियो आता था.
अपनी पाकिस्तानी महिला दोस्त के साथ चीयर्स कर वह महफिल में बैठता था.
ये मेरे खिलाफ पिछले 11 साल से लगे हुए हैं.
मेरे खिलाफ बोलने के लिए उनके पास कुछ और है ही नहीं. बोलते रहने दो. मुझे क्या?
2019 में बरनाला की रैली में आपने जनवरी 2019 से शराब ने पीने की सौगंध खाई थी.
सांसद Bhagwant Mann ने कहा इस सवाल पर भगवंत मान ने कहा कि कोई भी आदमी 16 कला संपूर्ण तो है नहीं. मुझे इनकी एनओसी की जरूरत नहीं है.
सुखबीर बादल की जो पार्टी है, उसके जो नेता हैं, वह ड्रग्स में शामिल हैं.मैं खून तो नहीं पीता था पंजाबियों का.
अपने इंटरव्यू में उन्होंने आगे कहा कि मैंने चुनाव का आइडिया दिया था.
मैंने कहा कि पारंपरिक पार्टियां अपने उम्मीदवार चुनती हैं.
हमें प्रक्रिया बदलनी चाहिए और नागरिकों को शामिल करना चाहिए.
हमें कुछ दिनों के भीतर 22 लाख से अधिक फोन आए.
न केवल लोगों ने मुझे चुना बल्कि हमें यह भी बताया कि क्या हमें राज्य में सब कुछ करना चाहिए.
(मुख्यमंत्री उम्मीदवार के नाम की घोषणा में) कोई देरी नहीं हुई.
यह हमारी रणनीति का हिस्सा था. हमारे पास अभी भी समय है.
अरविंद केजरीवाल ने रैलियां कीं. मैं रैलियां कर रहा था. हम वर्षों से प्रचार कर रहे हैं.
कॉमेडी एक बहुत ही गंभीर व्यवसाय है.
और मेरी कॉमेडी न केवल हंसने के लिए बल्कि विचारोत्तेजक भी थी.
उन्होंने एक अभिनेता और हास्य होने से राजनीति में अपने स्विच पर स्पष्ट किया.
मैं कैंसर, किसानों की आत्महत्या का मुद्दा उठाता हूं, मैं दो बार सांसद हूं.
क्या लोग किसी ऐसे व्यक्ति का चयन करेंगे जो सिर्फ एक चुटकुला सुनाए?
चरणजीत चन्नी के मुख्यमंत्री बनने पर उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने अलीबाबा को बदल दिया, लेकिन चालीस चोर (40 चोर) वही हैं.