Woman Judge gets relief: यौन उत्पीड़न का आरोप लगा इस्तीफा देनेवाली जज होंगी फिर से बहाल

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Supreme Court

नई दिल्‍ली: Woman Judge gets relief:उच्चतम न्यायालय ने एक महिला न्यायाधीश के इस्‍तीफा देने के सात साल बाद बहाल कर दिया है.

महिला जज हैं जिन्‍होंने 2014 में तत्कालीन उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था.

उन्होंने 2014 में ग्वालियर की एडिशनल सेशन्स जज रही महिला ने इस्तीफा दे दिया था.

उन्होंने हाई कोर्ट के एक जज पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया.

मामला संसद में पहुंचा.

Woman Judge gets relief:संसद ने जजेस इन्क्वारी एक्ट के प्रावधानों के तहत आरोपों की जांच के लिए 3 सदस्यीय कमिटी बना दी.

कमिटी के सदस्य थे- जस्टिस आर. भानुमति (सुप्रीम कोर्ट की तत्कालीन जज), जस्टिस मंजुला चेल्लुर (बॉम्बे हाई कोर्ट की तत्कालीन चीफ जस्टिस) और वरिष्ठ वकील के के वेणुगोपाल (वर्तमान एटॉर्नी जनरल).

कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि आरोप साबित नहीं हो रहे

महिला जज ने अपनी दोबारा बहाली का अनुरोध किया था.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जज को 2014 से अब तक का वेतन नहीं मिलेगा.

लेकिन रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले पद से जुड़े लाभ पर इसका असर नहीं होगा.

सुप्रीम कोर्ट ने महिला जज को पद पर बहार करते हुए कहा

– “हम घोषणा करते हैं कि 2014 में याचिकाकर्ता के इस्तीफे को स्वैच्छिक नहीं माना जा सकता है.”

इस केस पर सुनवाई करते हुए हुए सुप्रीम कोर्ट ने,

मध्य प्रदेश सरकार को महिला जज को उनके पद पर बहाल करने का निर्देश दिया है.

मालूम हो जज पर यौन उत्‍पीड़न लगाने के बाद अपने पद से इस्तीफे से पहले,

ये अतिरिक्त जिला न्यायाधीश के रूप में कार्य कर रही थीं.

सुप्रीम कोर्ट ने महिला जज इस्तीफा स्वीकार करने के उच्च न्यायालय के फैसले को खारिज करते हुए कहा,

“हम उच्च न्यायालय द्वारा पारित प्रस्ताव की सत्यता में नहीं जा रहे हैं.

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