अयोध्या:Uniform Civil Code: उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सरकार बनते ही यूनिफॉर्म सिविल कोड ड्राफ्ट बनाने की घोषणा की तो अयोध्या के संतों ने उनका समर्थन किया है.
संतों ने कहा कि यह अच्छा फैसला है और यूनिफॉर्म सिविल कोड उत्तराखंड में ही नहीं.
Uniform Civil Code : उत्तराखंड के सीएम पुष्कर धामी ने उत्तराखंड में सरकार बनने के बाद यूनिफॉर्म सिविल कोड ड्राफ्ट बनाये जाने की घोषणा की, तो अयोध्या के संतों ने उनके इस बयान पर खुशी का इजहार किया है.
संत समाज ने पुष्कर धामी को आशीर्वाद देते हुए कहा कि इसी तरह पूरे देश में समान नागरिक संहिता लागू होना चाहिए.
एक देश, एक भेष, एक कानून की मांग संत समाज ने उठाई है.
संतों ने कहा है कि वह आज उत्तराखंड में ही नहीं बंगाल,
उत्तर प्रदेश समेत तमाम जो और प्रांत हैं उन पर भी यह कानून लागू किया जाना चाहिए.
संतों ने कहा कि बंगाल में भी यह कानून लागू होना चाहिए.
अगर ऐसा नहीं होता है तो जल्द ही बंगाल बांग्लादेश हो जाएगा.
उसके साथ संत समाज ने कहा कि अभी हाल ही में कर्नाटक में हिजाब को ले कर इतना बवाल हुआ है.
Uniform Civil Code अगर जल्द लागू नहीं होता है तो जल्द शरीया की भी मांग उठने लगेगी.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की है कि अगर उत्तराखंड में भाजपा की सरकार बनती है
तो वह फिर जल्द ही यूनिफॉर्म सिविल कोड के लिए ड्राफ्ट बनाएंगे.
कल्कि राम ने कहा कि उत्तराखंड में नहीं पूरे देश में ही सिविल कोर्ट ड्रेस की जरूरत है,
क्योंकि एक देश एक भेष होना चाहिए.
आप देख रहे हैं कर्नाटक में जो हिजाब का विवाद फैला है यह धीरे-धीरे पूरे देश में फैल रहा है.
ये चिंगारी सुलगाते हैं जिसकी आग पूरे देश में फैलती है.
उत्तराखंड सरकार अध्यादेश लाने जा रही है.
केंद्र सरकार से मेरा अनुरोध है इस को राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया जाए.
आप उत्तराखंड में लागू करेंगे तो क्या उत्तर प्रदेश को छोड़ देंगे?
इसको पूरे देश में लागू किया जाए पूरे देश में इसकी जरूरत है अन्यथा वह दिन दूर नहीं है जब इस देश में शरिया लागू करने की मांग होगी.
अभी हिजाब के लिए आंदोलन हो रहा है आगे सरिया के लिए भी आंदोलन होगा.
रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने भी इसका समर्थन किया.
उन्होंने कहा कि वह देवभूमि है. जहां पर शिव विराजमान हैं.
ऐसे देव भूमि पर यदि वहां के मुख्यमंत्री इस प्रकार की घोषणा करते हैं तो उस प्रांत में यह लागू हो जाएगा.
अन्य प्रांतों में भी इस प्रकार की घोषणा होनी चाहिए.
सामान नागरिक संहित पूरे देश में बहुत आवश्यक है.
उन्होंने कहा कि बहुत प्रांतों में हिंदू अल्पसंख्यक हो गए हैं,
किंतु उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने जो घोषणा की वह स्वागत योग्य है.