लखनऊ:UP Assembly Election 2022:बीजेपी के लिए फिर से सत्ता में वापसी करने की राहें आसान नहीं नजर आ रही हैं. बीजेपी को अपने दुर्ग बचाने की बड़ी चुनौती सामने है.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के चार चरण के मतदान हो चुके हैं.
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण का मतदान 27 फरवरी को होने जा रहा है.
UP Assembly Election 2022:उत्तर प्रदेश में 403 विधानसभा क्षेत्रों के लिए मतदान क्रमश: बीते 10, 14, 20 और 23 फरवरी को चार चरणों में संपन्न हो चुका है.
अब यूपी में पांचवें चरण का मतदान 27 फरवरी और छठवें चरण का 3 मार्च और 7 मार्च को होंगे.
कांग्रेस के लिए भी इस चरण में बड़ी चुनौती है.
कांग्रेस के सामने अमेठी और रायबरेली की सीट बड़ी चुनौती है.
बतातें चले कि 2019 के चुनाव में कांग्रेस के राहुल गांधी को अमेठी में हार का मुंह देखना पड़ा था.
जाहिर है कांग्रेस यहां वापसी करना चाहेगी.
बहुजन समाज पार्टी भी अपनी दमदार दस्तक से सबको चौंका देना चाहती है.
UP Assembly Election 2022: पांचवें चरण में अयोध्या, अमेठी, रायबरेली, सुल्तानपुर, बाराबंकी की सीटों पर राजनीतिक दलों के बीच जबरदस्त घमासान के साथ कड़ी चुनौती है.
यूपी में पांचवें चरण का मतदान अवध और पूर्वांचल के 12 जिलों की 61 सीटों पर होना है.
सात चरणों में से पांचवें चरण में ही सबसे ज्यादा 61 सीटें हैं.
यही वजह है कि राजनीतिक दल अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं.
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अवध और पूर्वांचल के 12 जिलों की 61 सीटों पर 27 फरवरी को पांचवें चरण का मतदान होना है.
इस चरण में 61 विधानसभा के 692 उम्मीदवार चुनावी मैदानी में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
पांचवें चरण में रामजन्म भूमि अयोध्या से लेकर प्रयागराज, चित्रकूट में सियासी जंग होनी है.
यहां बीजेपी को अपने किले को बचाए रखने की चुनौती है
तो वहीं समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस को सत्ता में वापसी की उम्मीद है.
पांचवें चरण में अयोध्या, प्रयागराज, चित्रकूट,अमेठी रायबरेली जैसी सीटों पर चुनाव होना है.
पूर्वांचल के तहत आने वाले बहराइच, गोंडा और श्रावस्ती जैसे अहम जिले की सीटें है.
प्रतापगढ़ प्रयागराज, कौशंबी जिलों की सीटों के साथ-साथ बुंदलेखंड के चित्रकूट जिले की भी दो सीटें शामिल हैं,
जहां मुकाबला कड़ा है.
पांचवें चरण की जिन 61 विधानसभा सीटों पर चुनाव पर चुनाव हो रहे हैं,
उनमें 90 फीसदी सीटों पर बीजेपी और अपना दल गठबंधन का कब्जा है.
2017 के विधानसभा चुनाव में इन 60 सीटों में से 51 सीटें बीजेपी ने जीती थी
जबकि उसके सहयोगी अपना दल (एस) को दो सीटें मिली थी.
सपा के खाते में महज 5 सीटें मिली थी.
इसके अलावा कांग्रेस को एक सीट पर जीत मिली थी और दो सीटों पर निर्दलीय ने जीती थी.
बसपा इस चरण में खाता भी नहीं खोल सकी थी.
पांचवें चरण के चुनाव में 61 सीटों में से 90 फीसदी सीटों पर अभी बीजेपी का कब्जा है.
वहीं योगी सरकार के कई मंत्रियों की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है.
पांचवें चरण के चुनाव में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सिराथू सीट से चुनाव लड़ रहे हैं
तो कैबिनेट मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह पट्टी सीट से उतरे हैं.
कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, इलाहबाद पश्चिम से प्रत्याशी हैं
तो नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल नंदी इलाहाबाद दक्षिण,
समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री मनकापुर सुरक्षित सीट से
और राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय चित्रकूट सदर से चुनाव लड़ रहे हैं.
योगी सरकार के मंत्री रहे मुकुट बिहारी की जगह उनके बेटे चुनावी मैदान में हैं.
प्रतापगढ़ के कुंडा से निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया
इस बार अपनी जनसत्ता पार्टी से चुनावी मैदान में हैं.
राजा भैया और बगल की बाबागंज सुरक्षित सीट से विनोद सरोज भी जनसत्ता दल से चुनाव लड़ रहे हैं.
राजा भैया के खिलाफ डेढ़ दशक के बाद समाजवादी पार्टी ने पहली बार अपना उम्मीदवार
गुलशन यादव को मैदान में उतारा है.
पांचवें चरण में केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की मां कृष्णा पटेल प्रतापगढ़ सदर और बहन पल्लवी पटेल सिराथू सीट से चुनावी मैदान में उतरी है.
मां और बहन दोनों ही सपा गठबंधन से चुनाव लड़ रही हैं,
जबकि अनुप्रिया पटेल बीजेपी के साथ मिलकर चुनावी मैदान में है.
अयोध्या सीट पर सपा के दिग्गज नेता तेजनारायण पांडेय उर्फ पवन पांडेय की किस्मत दांव पर लगी है
रामपुर खास सीट पर कांग्रेस से आराधना मिश्रा हैं, जो प्रमोद तिवारी की बेटी हैं और दो बार से विधायक हैं.
उत्तर प्रदेश में सात चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव 10 फरवरी से शुरू हो गए हैं.
चुनाव के चार चरण पूरे हो चुके हैं. यूपी में पांचवें चरण का मतदान 27 फरवरी को होगा.
उत्तर प्रदेश में 403 विधानसभा क्षेत्रों के लिए सात चरणों में मतदान 10 फरवरी से शुरू हो चुका है.
यूपी में चार चरणों के चुनाव संपन्न हो चुके हैं.
अब मतदान 27 फरवरी और 3 और 7 मार्च को होंगे.