यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकासी के लिए रेलवे स्टेशन जाने को कहा

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Indians stranded in ukraine

Indians stranded in ukraine : रूस और यूक्रेन के युद्ध राजधानी कीव में सप्ताहंत का कर्फ्यू हटा दिया गया है. भारत ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकासी के लिए ट्रेन स्टेशन जाने को कहा है.

Indians stranded in ukraine:यूक्रेन में भारत के करीब 15 हजार नागरिक फंसे हुए हैं और उनमें अधिकतर छात्र हैं.

यूक्रेन में मौजूद भारतीय दूतावास ने ट्वीट कर बताया है कि भारतीय छात्रों को निकालने के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने का इंतजाम किया गया है.

रेलवे स्टेशन से यूक्रेन के पश्चिमी हिस्सों तक ट्रेन जाएगी.

ट्वीट में कहा गया है, कीव में सप्ताहंत का कर्फ्यू हटाया गया है.

सभी छात्रों से अपील है कि पश्चिमी हिस्सों के लिए अपनी यात्रा के लिए रेलवे स्टेशन पहुंचें.

यूक्रेन रेलवे बचाव कार्य के लिए स्पेशल ट्रेन चला रही है.

भारत सरकार ने ऑपररेशन गंगा के तहत भारतीयों को यूक्रेन से निकालने के लिए एक खास ट्विटर हैंडल बनाया है.

इस ट्विटर अकाउंट पर यूक्रेन के बॉर्डर से लगते देशों हंगरी,

पोलैंड, रोमानिया, स्लोवैक रिपब्लिक- के हैल्प लाइन नंबर जारी किए गए हैं.

रूस ने कई महीनों के तनाव के बाद गुरुवार सुबब यूक्रेन के खिलाफ सैन्य ऑपरेशन शुरू किए थे.

रूस को यूक्रेन के नाटो में शामिल होने पर आपत्ति थी.

वहीं स्पाइसजेट की तरफ से खबर आई है कि भारतीयों के बचाव के लिए बुडापेस्ट के लिए स्पेशल फ्लाइट चलाई जाएंगी.

और भी बचाव के लिए फ्लाइट्स चलाए जाने की योजना है.

स्पाइस जेट की बुडापेस्ट, हंगरी से भारतीयों को वापस लाने की योजना है.

एयरलाइन इस स्पेशल फ्लाइट के लिए अपने बोइंग 737 मैक्स एयरक्राफ्ट का प्रयोग करेगी.

एयरक्राफ्ट दिल्ली से बुडापेस्ट जाएगा जॉर्जिया के कुटैसी (Kutaisi) से ऑपरेट करेगी.

भारत ने सोमवार को कहा कि यूक्रेन में जमीनी हालात बहुत मुश्किल और जटिल होने के बावजूद वह युद्धग्रस्त देश से अपने हर नागरिक को लाएगा,

‘‘ऐसे में (वहां पर फंसे भारतीय) घबराएं नहीं, विदेश मंत्रालय की टीम से सम्पर्क करें तथा सीधे सीमा पर नहीं आएं.’’

सरकारी सूत्रों के अनुसार यूक्रेन में फंसे 1396 भारतीयों को अभी तक स्वदेश वापस लाया जा चुका है.

Indians stranded in ukraine : विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि यूक्रेन से अपने नागरिकों को वापस लाने के लिए सरकार सभी पक्षों के सम्पर्क में हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच देशों से अभियान के समन्वय एवं देखरेख के लिए चार वरिष्ठ मंत्रियों को दायित्व सौंपा हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘हम भारतीयों को यूक्रेन के पश्चिमी इलाके की ओर जाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं.

साथ ही हम इस बात पर भी जोर दे रहे हैं कि लोग सीधे सीमावर्ती क्षेत्र में नहीं पहुंचें.

वे (भारतीय) पश्चिमी हिस्से में पहुंचे और पास के शहर में रुकें.’’

बागची ने कहा कि यदि वहां फंसे भारतीय सीधे सीमा पर पहुंचेंगे तक तब वहां काफी भीड़ लग जाएगी,

ऐसे में उन्हें निकालने में काफी समय लगेगा.

उन्होंने कहा कि विमानों की उड़ान हमारे लिए कोई समस्या नहीं है तथा अधिक उड़ान लगाई जा सकती हैं.

उन्होंने कहा कि एक बार लोग यूक्रेन से सीमा पार कर जाएं तो उन्हें निकाल लिया जाएगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार केंद्रीय मंत्रियों को यूक्रेन के पड़ोसी देशों में पहुंचकर भारतीयों की सुरक्षित एवं सुगम निकासी में समन्वय की जिम्मेदारी दी है.

केंद्रीय मंत्री वी के सिंह पोलैंड में, किरेन रिजिजू स्लोवाकिया में, हरदीप पुरी हंगरी में जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया रोमानिया और मोलदोवा में समन्वय करेंगे.

यूक्रेन का हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण भारत वहां फंसे अपने नागरिकों को रोमानिया,

हंगरी, पोलैंड और स्लोवाकिया के से लगी उसकी (यूक्रेन की) सीमा चौकियों के जरिए वहां से बाहर निकाल रहा है.

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