निकोसिया:Deltacron डेल्टाक्रॉन नाम से साइप्रस में कोविड-19 का नया वैरिएंट सामने आया है.
यूरोपीय देश साइप्रस में डेल्टाक्रॉन के 25 केसों से जुड़े सैंपल इंटरनेशनल डेटाबेस सेंटर GISAID भेजे गए हैं,
ताकि आगे इसका और विश्लेषण किया जा सके.
ये केंद्र 7 जनवरी से ही इस वैरिएंट पर बारीकी से निगाह बनाए हुए हैं.
ब्लूमबर्ग में प्रकाशित खबर के मुताबिक, साइप्रस यूनिवर्सिटी ने कहा, ये ओमिक्रॉन औऱ डेल्टा वैरिएंट के मिश्रण से बना है.
Deltacron:साइप्रस यूनिवर्सिटी में बायोलॉजिकल साइंसेज के प्रोफेसर लेवोंडियोस कोस्ट्रिक्स ने कहा कि यह स्ट्रेन डेल्टा और ओमिक्रॉन की जुगलबंदी से तैयार हुआ है.
कोस्ट्रिक्स साइप्रस की बायोटेक्नोलॉजी मॉलीक्यूलर वायरोलॉजी सेंटर के प्रमुख भी हैं.
उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन और डेल्टा वैरिएंट अभी दुनिया भर में सबसे ज्यादा प्रभावशाली है
और इन दोनों के मिश्रित संक्रमण से यह नया वैरिएंट आकार ले रहा है. इसे डेल्टाक्रॉन नाम दिया गया है.
डेल्टा जीनोम में ओमिक्रॉन जैसे जेनेटिक लक्षण वाले वैरिएंट के मिल जाने से यह विकसित हुआ है.
कोस्ट्रिक्स और उनकी टीम ने अब तक ऐसे 25 केस पहचाने हैं.
टीम ने यह भी पाया है कि कोविड-19 संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती लोगों तक यह संक्रमण पहुंचने की संभावनाएं ज्यादा है,
अस्पताल से भर्ती न होने वाले मरीजों के मुकाबले.
इन 25 मामलों के बारे में ज्यादा अध्ययन के लिए इन्हें अंतरराष्ट्रीय डेटाबेस में भेज दिया गया है.
ताकि ये पता लगाया जा सके कि यह वैरिएंट कितना संक्रामक या घातक हो सकता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से इस वैरिएंट को लेकर अभी कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.
कोस्ट्रिक्स का कहना है कि हम आगे चलकर यह देखेंगे कि यह वैरिएंट ज्यादा बीमार करने वाला है
या ज्यादा संक्रामक ही रहता है. डेल्टा और ओमिक्रॉन के मुकाबले यह कितना असर दिखाता है,
यह देखना होगा. लेकिन उन्होंने कहा,
मेरी यह निजी राय है कि ये स्ट्रेन भी कोरोना के बेहद संक्रामक ओमिक्रॉन वैरिएंट के मुकाबले पीछे रह जाएगा.