CM Yogi Oath ceremony : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव UP में भारतीय जनता पार्टी के भारी बहुमत हासिल करने के बाद योगी आदित्यनाथ
25 मार्च को एक बार फिर से सूबे के मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण कर सकते हैं.
न्यूज एजेंसी ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से जानकारी देते हुए बताया है
कि योगी आदित्यनाथ 25 मार्च को शाम चार बजे सूबे के मुख्यमंत्री की शपथ ग्रहण कर सकते हैं.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,
गृह मंत्री अमित शाह समेत भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और कई केंद्रीय कैबिनेट मंत्री शामिल होंगे.
जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण कार्यक्रम सूबे की राजधानी लखनऊ के इकाना स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा.
इस दौरान मुख्यमंत्री के तौर पर योगी आदित्यनाथ शपथ ग्रहण करेंगे.
साथ ही कैबिनेट मंत्री और राज्य मंत्रियों को भी शपथ ग्रहण कराई जाएगी.
विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,
गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित केंद्र सरकार के कई मंत्री,
भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, संघ और भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल होंगे.
इकाना स्टेडियम में प्रस्तावित शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.
मंत्रिमंडल के स्वरूप को लेकर योगी की पार्टी नेतृत्व के साथ मन्त्रणा हो चुकी है.
यूपी में सरकार गठन को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को क्रमशः पर्यवेक्षक व सह पर्यवेक्षक बनाया गया.
शपथ लेने वाले मंत्रियों की सूची को मुख्यमंत्री के गोरखपुर से लखनऊ पहुंचने पर अंतिम रूप दे दिया जाएगा.
CM Yogi Oath ceremony : समारोह में किया जाएगा कई विपक्षी नेताओं को आमंत्रित
शपथ ग्रहण समारोह में विपक्षी दलों के नेताओं को भी आमंत्रित किया जाएगा.
इनमें बीएसपी प्रमुख मायावती, समाजवादी पार्टी से वरिष्ठ नेता मुलायम सिंह यादव
और अखिलेश यादव के नाम प्रमुख हैं. वहीं कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी
और प्रियंका गांधी समेत कई अन्य वरिष्ठ राजनेताओं को भी समारोह में आमंत्रित किए जाने की जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स में मिल रही है.
चुनाव में जीत के साथ ही बढ़ा योगी आदित्यनाथ का कद
बीजेपी को राज्य की 403 सदस्यीय विधानसभा के लिए हाल में हुए चुनावों में 255 सीट हासिल हुई हैं और
उसके दो सहयोगी दलों ने 18 सीट जीती हैं. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है
कि इस जीत के साथ आदित्यनाथ का कद बढ़ा है,
क्योंकि राज्य में बीजेपी के फिर से जीतने के प्रयासों के केंद्र में उनका नेतृत्व था.