नई दिल्ली: WHO report claims: मोटे तौर पर बीमारियों से लड़ने में भारत पहले से बेहतर परफॉर्म कर रहा है.
WHO report claims किया गया है कि भारत में बीमारियों के प्रकार भी बदल गए हैं.
India Health System Review नाम की इस रिपोर्ट में भारत के हेल्थ सिस्टम का लेखा-जोखा दिया गया है.
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीयों की औसत उम्र तो बढ़ी है
लेकिन इलाज का खर्च लोगों के बजट से बाहर होता जा रहा है.
कुल मिलाकर भारत ने हेल्थ केयर के क्षेत्र में बहुत काम किया है
लेकिन अब भी बहुत काम किए जाने की जरूरत है.
WHO report claims: साल 1970 में जहां लोग 47 वर्ष तक जीते थे तो अब (2020 के आंकड़े के अनुसार) एक भारतीय की औसत उम्र बढ़कर 70 साल हो गई है.
महिलाओं की औसत उम्र 24 वर्ष बढ़ी है जबकि पुरुषों की औसत उम्र 20 वर्ष बढ़ी है.
इस हिसाब से भारत में महिलाओं की औसत आयु 71 वर्ष और पुरुषों की औसत आयु 68 वर्ष है.
हालांकि श्रीलंका में औसत उम्र 74 वर्ष और चीन में औसत आयु 75 वर्ष है.
नवजातों की मृत्यु के आंकड़ों में भी सुधार
इसी रिपोर्ट के मुताबिक साल1970 में एक हजार शिशुओं में से 132 शिशु जन्म के साथ ही दम तोड़ देते थे.
लेकिन अब इस आंकड़े में भी काफी सुधार है.
साल 2020 के आंकड़ों के अनुसार 1000 में से 32 नवजात दम तोड़ देते हैं.
इसी तरह डिलीवरी के दौरान महिलाओं की मौत के मामलों में भी गिरावट देखी गई है.
साल 1990 के आंकड़ों के मुताबकि 10 हजार में से 556 महिलाएं डिलीवरी के दौरान दम तोड़ देती थीं.
हालांकि 2018 तक ये आंकड़ा कम होकर 113 प्रति 10 हजार पर रिकॉर्ड किया गया है.
2005 में आयरन की कमी भारतीयों में कुपोषण का सबसे बड़ा कारण थी. इसमें बदलाव नहीं आया है.
इसी तरह मोबाइल फोन के साइड इफेक्ट और कॉरपोरेट नौकरियों के चलते दूसरे नंबर पर भारतीय मांसपेशियों के दर्द, कमर और गर्दन के दर्द से परेशान हैं.
हालांकि 15 साल में डिप्रेशन चौथे नंबर की बीमारी से तीसरे नंबर की बीमारी बन गई है.
स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में अभी भी भारत की हालत खराब है.
WHO report claims: 70 प्रतिशत ओपीडी सेवाएं, 58 प्रतिशत भर्ती मरीज और 90 प्रतिशत दवाएं और टेस्ट अभी भी प्राइवेट सेक्टर के हाथों में हैं.
यानी कि अभी भी बीमारी का इलाज आम आदमी के बस से बाहर है
. डॉक्टरों और नर्सों का अनुपात पहले के मुकाबले सुधरा है लेकिन अभी भी हालात खराब ही हैं.
इसी तरह भारत में 10 हजार लोगों पर 9.28% डॉक्टर और 24 नर्स हैं.
रिपोर्ट यह भी कहती है कि प्रति 10 हजार लोगों पर तकरीबन 9 फार्मासिस्ट हैं.
रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि भारत में पब्लिक हेल्थ पर खर्च बहुत कम होता है.
देश के शहरी इलाकों में रहने वाली महिलाओं की औसत आयु केरल और उत्तराखंड छोड़कर सभी राज्यों में सबसे ज्यादा है.
केरल और उत्तराखंड में ग्रामीण इलाकों में रहने वाली महिलाएं ज्यादा जीती हैं.
शहरी इलाकों में रहने वाली महिलाओं की औसत उम्र जम्मू-कश्मीर (86.2 वर्ष) में सबसे ज्यादा है.
अगर बिहार और झारखंड को छोड़ दें तो देश में महिलाओं की औसत आयु पुरुषों की तुलना में ज्यादा है.
हालांकि बिहार और झारखंड में ऐसा नहीं है.
औसत आयु के मामले में भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश और नेपाल भी आगे हैं.
यूएन ह्यूमन डिवलपमेंट रिपोर्ट 2019 के अनुसार बांग्लादेश के लोगों की औसत आयु 72.1 वर्ष है
जबकि नेपाल के लोगों की औसत आयु 70.5 वर्ष है.