नई दिल्ली:Gyanvapi Masjid controversy: वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा. जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और पी एस नरसिम्हा की बेंच मामले की सुनवाई करेगी.
Gyanvapi Masjid controversy:वाराणसी की अंजुमन इंतजामिया मस्जिद की मैनेजमेंट कमिटी की तरफ से याचिका दाखिल की गई है.
याचिका में कहा गया है कि निचली अदालत से जारी सर्वे का आदेश 1991 के प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट के खिलाफ है.
अंजुमन इंतजामिया मस्ज़िद की याचिका में इलाहाबाद हाई कोर्ट के 21अप्रैल के आदेश को चुनौती दी गई है.
उस दिन हाई कोर्ट ने मस्ज़िद परिसर के सर्वे के लिए,
कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करने का निचली अदालत के आदेश पर रोक से मना कर दिया था.
याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट के तहत सभी धार्मिक स्थलों की स्थिति 15 अगस्त 1947 वाली बनाए रखना अनिवार्य है.
इस कानून में सिर्फ अयोध्या विवाद को अपवाद रखा गया था.
अयोध्या मामले पर फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा था कि 1991 का उपासना स्थल कानून सभी धार्मिक स्थानों पर लागू होता है.
लेकिन इसके बावजूद वाराणसी के ज्ञानवापी मस्ज़िद परिसर में सर्वे करवाया जा रहा है.
ज्ञानवापी मसले पर 1991 से एक केस लंबित है
याचिका में यह भी कहा गया है कि ज्ञानवापी मसले पर 1991 से एक केस लंबित है.
उस केस में भी परिसर के ASI सर्वेक्षण का आदेश जारी हुआ था,
लेकिन पिछले साल 9 सितंबर को हाई कोर्ट ने उस आदेश पर रोक लगा दी थी.
Gyanvapi Masjid controversy:2021 में ही एक नई याचिका दाखिल हुई, जिसमें श्रृंगार गौरी की पूजा की अनुमति मांगी गई.
इसे सुनते हुए वाराणसी की सिविल कोर्ट ने मस्ज़िद के सर्वेक्षण के लिए कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर दिया.
जब हाई कोर्ट ASI के सर्वे पर रोक लगा चुका था,
तब दूसरे सर्वे का आदेश दिया जाना गलत था लेकिन इस बार हाई कोर्ट ने भी रोक नहीं लगाई.
वकील फुज़ैल अहमद अय्यूबी के ज़रिए दाखिल याचिका में सर्वे पर रोक की मांग की गई है.
शुक्रवार को यह मामला सुनवाई की मांग के लिए चीफ जस्टिस एन वी रमना की बेंच के सामने रखा गया था.
उसके बाद सुप्रीम कोर्ट में 3 दिनों के अवकाश के चलते मंगलवार को याचिका सुनवाई के लिए लग रही है.
अब सर्वे का काम पूरा हो चुका है.
ऐसे में याचिकाकर्ता यह मांग रख सकते हैं कि सुप्रीम कोर्ट निचली अदालत की आगे की कार्रवाई पर तत्काल रोक लगा दे.