सीतापुर : सपा नेता आज़म खान (SP leader Azam Khan) 27 महीने बाद आखिरकार जेल से बाहर निकल चुके हैं.
सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद स्थानीय कोर्ट ने उनका रिलीज ऑर्डर जारी किया था.
जिसके बाद शुक्रवार की सुबह उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया.
जेल से बाहर आते ही सपा नेताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया.
आजम खान के दोनों बेटे उन्हें रिसीव करने के लिए जेल के बाहर पहुंचे थे.
जेल से रिहा होते ही आज़म खान सीधे कार में सवार हुए और निकल गए.
सपा के वरिष्ठ नेता व विधायक मा. श्री आज़म ख़ान जी के जमानत पर रिहा होने पर उनका हार्दिक स्वागत है। जमानत के इस फ़ैसले से सर्वोच्च न्यायालय ने न्याय को नये मानक दिये हैं।पूरा ऐतबार है कि वो अन्य सभी झूठे मामलों-मुक़दमों में बाइज़्ज़त बरी होंगे।
झूठ के लम्हे होते हैं, सदियाँ नहीं!
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 20, 2022
SP leader Azam Khan:इस दौरान उनके दोनों बेटे अदीब और अब्दुल्ला आजम और प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव भी सीतापुर जेल पहुंचे और आजम खां के रिहा होने के बाद उनके साथ रामपुर के लिए रवाना हुए.
बता दें कि आज़म खान के खिलाफ 80 से ज्यादा मामले दर्ज हैं. इन सभी मामलों में उन्हें जमानत दी गई है.
अखिलेश यादव ने किया ट्वीट
सपा चीफ अखिलेश यादव की तरफ से भी आज़म खान की रिहाई को लेकर एक ट्वीट किया गया है.
जिसमें उन्होंने कहा कि,
सपा के वरिष्ठ नेता व विधायक मा. श्री आज़म ख़ान जी के जमानत पर रिहा होने पर उनका हार्दिक स्वागत है.
जमानत के इस फ़ैसले से सर्वोच्च न्यायालय ने न्याय को नये मानक दिये हैं.
पूरा ऐतबार है कि वो अन्य सभी झूठे मामलों-मुक़दमों में बाइज़्ज़त बरी होंगे.
झूठ के लम्हे होते हैं, सदियां नहीं!
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कथित धोखाधड़ी के एक मामले में जेल में कैद समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को गुरुवार 19 मई को अंतरिम जमानत दी थी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत उसे (कोर्ट को) मिले विशेषाधिकार का उपयोग करने के लिए यह एक उपयुक्त मामला है.
जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस बीआर गवई और
जस्टिस एएस बोपन्ना की बेंच ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता को भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और
120बी (आपराधिक साजिश) के तहत दंडनीय अपराधों के लिए पुलिस थाना कोतवाली, रामपुर,
उत्तर प्रदेश में 2020 के अपराध कांड संख्या 70 को लेकर दर्ज प्राथमिकी के संदर्भ में निचली अदालत द्वारा उपयुक्त
पाये जाने वाले नियम व शर्तों पर अंतरिम जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया जाता है.’’