कानपुर : Kanpur Violence : उत्तर प्रदेश के कानपुर में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी को लेकर भारी सुरक्षा के बावजूद शुक्रवार को माहौल बिगड़ गया.
बेगमगंज, नई सड़क, यतीमखाना जैसे इलाकों में समुदाय विशेष के लोगों ने पथराव और बमबाजी की.
कई घंटे बाद हालात काबू में आ पाए। संकरी गलियों में छतों से पुलिस पर पथराव किया जा रहा था.
पत्थराव में उपद्रवियों ने बच्चों और कम उम्र के लड़कों को आगे रखा,
जिसकी वजह से पुलिस सख्ती नहीं बरत पा रही थी और हालात काबू करने में समय लगा.
कथित तौर पर पैगंबर मोहम्मद साहब को लेकर टिप्पणी से नाराज होकर बंद का आह्वन किया गया था.
Kanpur Violence : 35 घायल, 20 हिरासत में
कानपुर में अब तनावपूर्ण शांति है. हिंसा में करीब 35 लोग घायल बताए जा रहे हैं.
इनमें कुछ पुलिसकर्मी भी शामिल हैं.
पुलिस ने अलग-अलग इलाकों से करीब 20 लोगों को हिरासत में लिया है.
वीडियो फुटेज के आधार पर दंगाइयों की पहचान की जा रही है.
संवेदनशील इलाकों में सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ा दी गई है.
नमाज के बाद जुलूस से बिगड़ा माहौल
शुक्रवार को जुमे की नमाज के तुरंत बाद परेड, नई सड़क और
यतीमखाना समेत कई इलाकों में हिंसा भड़क गई.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जुमे की नमाज के बाद दो समुदायों के सदस्य आमने-सामने आ गए और एक-दूसरे पर ईंटों से पथराव किया.
उन्होंने कहा कि इस दौरान गोलीबारी भी हुई.
उन्होंने बताया कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोग हाल ही में टीवी पर बहस के दौरान भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा द्वारा
पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ की गई कथित अपमानजनक टिप्पणी को लेकर नाराज थे.
और वे इलाके की दुकानें बंद कराने का प्रयास कर रहे थे.
पुलिस ने बताया कि कथित तौर पर दुकानदारों को अपने शटर बंद करने के लिए मजबूर करने वाले लोग पुलिसकर्मियों से भिड़ गए,
बाद में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा.
अधिकारी ने कहा बताया कि एमएमए जौहर फैन्स एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात जफर हाशमी सहित कुछ स्थानीय नेताओं ने शुक्रवार को दुकानों को बंद करने का आह्वान किया था.
उन्होंने बताया कि इन नेताओं ने पैगंबर मोहम्मद के कथित अपमान के खिलाफ जुलूस निकाला था.
और इस दौरान वे अन्य समुदाय के सदस्यों से भिड़ गए जिसकि वजह से झड़पें हुई.
कानपुर की जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बताया, ”एक समुदाय विशेष के सदस्य विरोध में सड़क पर उतर आए और
हिंसा में शामिल हो गए.
कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें चिकित्सा सहायता के लिए भेजा गया.
प्रभावित क्षेत्रों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है.
उन्होंने बताया कि स्थिति पर कड़ी निगरानी रखने और यह सुनिश्चित करने के लिए सख्त निर्देश जारी किए गए हैं.
कि आगे कोई हिंसा न हो। उन्होंने कहा कि जांच शुरू कर दी गई है.
और कई लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है.
उन्होंने बताया कि अभी तक हिंसा के सही कारणों की पुष्टि नहीं हुई है.