Monkeypox : उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले से मंकीपॉक्स के संदिग्ध मामले में नेगेटिव रिपोर्ट आई है.
सैंपल पुणे (Pune) में स्थित ICMR में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी को परीक्षण के लिए भेजा गया था.
बता दें कि, बीती 4 जून को गाजियाबाद में मंकीपॉक्स के जैसे लक्षण एक 5 साल की बच्ची में पाए गए थे.
जिसकी जानकारी गाजियाबाद के CMO ने दी थी.
गाजियाबाद के सीएमओ ने बताया था कि 5 साल की बच्ची के शरीर पर खुजली
और रैशेज होने की शिकायत मिली थी.
जिसके बाद एहतियात के तौर पर मंकीपॉक्स की जांच के लिए उसके सैंपल लिए गए.
उसे कोई अन्य स्वास्थ्य समस्या नहीं है. न ही उसने और न ही उसके किसी करीबी ने पिछले 1 महीने में विदेश यात्रा की है.
इसके बाद जांच के लिए सैंपल पुणे में स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी को भेजे गए थे.
जहां से अब सैंपल की रिपोर्ट नेगेटिव आई है.
आज की तारीख में भारत में मंकीपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है.
दुनिया के कई देशों में मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को दिशा-निर्देश जारी किए हुए हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी कर रखी हैं गाइडलाइंस
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार, मंकीपॉक्स से संक्रमित व्यक्ति की 21 दिनों तक निगरानी की जाएगी.
गाइडलाइंस में कहा गया कि जब किसी संदिग्ध मरीज का पता चले तो उसके सैंपल पुणे स्थित एनआईवी में जांच के लिए भेजे जाएंगे.
इस सैंपल को इंटीग्रेटेड डिसीज सर्विलांस प्रोग्राम नेटवर्क के तहत भेजा जाएगा.
वहीं ऐसे मामलों को संदिग्ध माना जाए, जिसमें किसी भी उम्र का व्यक्ति जिसका पिछले 21 दिनों के भीतर प्रभावित देशों की यात्रा का इतिहास रहा हो.
साथ ही बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द, शरीर पर दाने जैसा कोई लक्षण हो.
20 से ज्यादा देशों में फैली ये बीमारी
बता दें कि, Monkeypox का प्रकोप मई के शुरूआती दिनों से हुआ था.
डब्ल्यूएचओ ने बताया कि इसके बाद से ही ये बीमारी दुनिया के 20 से ज्यादा देशों में अपने पैर पसार चुकी है.
इसमें 300 सस्पेक्टेड और कंर्फम केस हैं.
मंकीपॉक्स का प्रकोप अचानक से होना और इसका फैलना दुनिया के लिए खतरे की घंटी है,
क्योंकि ये भी नजदीकी संपर्क में आने से फैलती है.